समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंगलवार (23 अप्रैल) को कन्नौज पहुंचना था, लेकिन उनके हेलीकॉप्टर को लैंड करने की मंजूरी नहीं दी गई. इस वजह से उनका दौरा निरस्त हो गया. बताया जा रहा है कि वन विभाग ने एनओसी नहीं दी है. इंदरगढ़ में पूर्व मंत्री का हाल लेने के लिए अखिलेश यादव को कन्नौज आना था. इंदरगढ़ में वन विभाग के गेस्ट हाउस के पास बने हेलीपैड पर अखिलेश के हेलीकॉप्टर को लैंड करना था.
बात करें कन्नौज के राजनीतिक इतिहास की तो यह सीट भी 1989 से मुलायम सिंह यादव का गढ़ रही है. 1998 में सिर्फ एक बार बीजेपी के चंद्रभूषण सिंह इस अभेद्य किले को भेद पाए हैं. पहले यह सीट जनता दल और फिर समाजवादी पार्टी के पाले में रही. इस सीट से मुलायम परिवार के तीनों चेहरे चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और डिंपल यादव शामिल हैं.
कन्नौज सीट ने यादव परिवार में किसी को निराश नहीं किया तो डिंपल को उपचुनाव में निर्विरोध जिताकर लोकसभा भेजा. इस सीट से अपने पहले तीन चुनाव एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव जीते और बाद में उनकी पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद रहीं. बीजेपी इस सीट को किसी कीमत पर जीतने की कोशिश में है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस सीट के लिए अभी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की तैयारियां शुरू हो गई हैं. ये दोनों नेता 27 अप्रैल को कन्नौज में रैली करेंगे.