कन्नौज बस हादसा : बस में सवार यात्री ने बताया- आग लगने के बाद मैं कैसे बचा

अगर थोड़ी सी भी देर हो जाती तो शायद मैं भी.....।

Update: 2020-01-11 06:38 GMT

कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शुक्रवार रात सड़क हादसे में डबल डेकर स्लीपर बस और ट्रक की जबरदस्त हुई टक्कर में बीस लोगों की मौत हो गई. ये हादसा छिबरामऊ थाना क्षेत्र के अंतर्गत चिलोई गांव में हुई। बस में करीब 43 यात्री सवार थे, जिसमें से 25 बाहर आ पाए। इनमें 23 अस्पताल में भर्ती है जबकि दो सुरक्षित हैं। बस फर्रुखाबाद से जयपुर जा रही थी। टक्कर लगने और आग लगने के दौरान बस में सवार एक यात्री रामप्रकाश बमुश्किल खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। इस भयावह हादसे की पूरी कहानी जानिए उसी की जुबानी-

यात्री रामप्रकाश ने बताया कि 'मैं स्लीपर बस में नीचे की सीट पर बैठा हुआ था। जब ट्रक से टक्कर हुई थी उस समय बस की स्पीड 50-60 किमी/प्रति घंटा के आसपास रही होगी। ट्रक से टक्कर के बाद अचानक तेज झटका लगा। कुछ समझ पाते इसी दौरान बस में आग लगने की बात लोग सवारियां चिल्लाने लगी। मुझे कुछ समझ ही नहीं आया। मैं खिड़की की तरफ बैठा था। मैंने आग की कुछ लपटें देखी इसके बाद मैं नीचे कूदने लगा। मैं घबराहट में था, बस समझ लीजिए, किसी तरह बस की खिड़की से कूदकर बाहर आया। अगर थोड़ी सी भी देर हो जाती तो शायद मैं भी.....।



 'आग लगने के बाद बस में सवार लोग चिल्ला रहे थे। उन आवाज को सुनकर कलेजा कांप रहा था। मैं खिड़की से कूदकर दूर जाकर खड़ा गया। कुछ और यात्री दरवाजे और खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। अंधेरा और आग में कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। इसी बीच बस में एक विस्फोट हुआ, इसके बाद बस में लगी आग तेज हो गई। कुछ ही देर में फिर से एक के बाद एक और दो धमाके हुए। यह धमाके किस चीज के थे यह पता नहीं। लेकिन, उन धमाकों के बाद बस पूरी तरह से आग की लपटों में घिर चुकी थी। इसके बाद सवारियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका।'

राम प्रकाश ने बताया, 'कुछ यात्री बस के बाहर पहुंच गए थे। आसपास के कुछ लोग भी आ गए थे। वे बस में फंसे हुए यात्रियों को बचाना चाहते थे, लेकिन आग की भीषण लपटों को देखकर किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही थी। विस्फोट के बाद डर भी बढ़ गया था कि कहीं और विस्फोट न हो जाएं। बस के अंदर और बाहर खड़े यात्री सब चिल्ला रहे थे, लेकिन बाहर खड़े लोगों को कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि क्या किया जाए। कैसे किया जाए। कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था'

'हादसे के बाद स्लीपर बस में लगी आग में यात्री जल रहे थे। काफी देर बाद एक टैंकर आया था, उसका पानी खत्म हो गया। इसके बाद पुलिस और कुछ अधिकारी आए जो हमें हॉस्पिटल लेकर गए। जहां आग लगी थी। वहां कुछ बस में ही नहीं था। पुलिस के लोग भी आए, लेकिन किसी के पास कुछ करने के लिए था ही नहीं।' 

कन्नौज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमरेंद्र सिंह ने बताया कि इस हादसे में 20 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल हुए 21 यात्रियों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इनमें 10 से 12 यात्री ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी जान बचाने के लिये जलती हुई बस का शीशा तोड़कर छलांग लगा दी।

वहीं, कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने दर्दनाक हादसे का जिक्र करते हुए बताया कि सभी शव बुरी तरह से जले हुए हैं, और उनकी हड्डियां यहां-वहां बिखरी पड़ी हैं. अभी भी आठ से 10 लोगों के जले हुए शव बस में फंसे हुए हैं. इसलिये DNA टेस्ट के बाद ही मृतकों की संख्या का सही पता चल पाएगा. अग्रवाल ने आगे बताया कि फिलहाल 21 लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनके परिवारवालों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और बचाव कार्य जारी है.

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