कानपुर के तीन चोरों ने चुराई वैन लेकिन फिर छोड़ दे उसे उसी जगह पर वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप
कानपुर में चोरी की घटना तीन चोरों के लिए उस समय बुरा सपना बन गया जब उन्होंने अपने द्वारा चुराई गई वैन बनाई गई में ड्राइव नहीं कर सके क्योंकि उनमें से कोई भी गाड़ी चलाना नहीं जानता था।
कानपुर में चोरी की घटना तीन चोरों के लिए उस समय बुरा सपना बन गया जब उन्होंने अपने द्वारा चुराई गई वैन बनाई गई में ड्राइव नहीं कर सके क्योंकि उनमें से कोई भी गाड़ी चलाना नहीं जानता था।
इसके बाद उन्होंने जो किया वह आपको हैरान कर देगा।यह तीन लड़कों की कहानी है, जिनमें से दो कॉलेज में पढ़ते हैं, जो जल्दी पैसा बनाने के लिए कानपुर के दबौली इलाके में एक मारुति वैन चोरी करने के लिए एक साथ आए थे।
यह तीनों लड़के भैंस चराने के लिए आगे बढ़े लेकिन उसमें सफल भी हो गए वेंचर आते समय तीनों को जरा सी भी हिचकिचाहट नहीं हुई लेकिन मामला उस समय और ज्यादा पेचीदा हो गया जब पता चला कि इन तीनों में से किसी को गाड़ी चलानी ही नहीं आती थी
लेकिन उन तीनों ने तब भी हार नहीं मानी और वाहन को धक्का लगा कर अपने साथ लाने का फैसला किया और ऐसा उन्होंने रात के अंधेरे में 10 किलोमीटर तक किया लेकिन धक्का लगाते लगाते यह तीनों इतना ज्यादा थक गए कि उन्होंने हार मान ली और उस गाड़ी को वहीं छोड़कर जाने का फैसला किया लेकिन जाते-जाते चोरों ने उसकी नंबर प्लेट को एक सुनसान जगह पर छिपा दिया और फरार हो गए
पुलिस ने मंगलवार को तीन चोरों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान सत्यम कुमार, अमन गौतम और अमित वर्मा के रूप में हुई है। सत्यम जहां महाराजपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा है, वहीं अमन डीबीएस कॉलेज से बीकॉम अंतिम वर्ष का छात्र है।
अमित कार्यरत है।सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) भीज नारायण सिंह ने कहा कि तीनों आरोपियों ने 7 मई को डबौली इलाके से वाहन चुराया था।इन लोगों ने वैन चुराई थी, लेकिन उनमें से कोई भी गाड़ी चलाना नहीं जानता था।
इसलिए, उन्होंने वैन को डबौली से कल्याणपुर तक 10 किलोमीटर तक धकेला, उसकी नंबर प्लेट हटा दी और उसे सुनसान जगह पर छिपा दिया। कोई भी वाहन चलाना नहीं जानता था लेकिन इसे चुराने के बाद, उन्होंने सोचा कि वे इसे बेच देंगे।
एसीपी ने कहा कि लूट की पूरी साजिश अमित ने रची थी। उन्होंने यह भी कहा कि चोरी के वाहनों को सत्यम द्वारा बनाई जा रही वेबसाइट के जरिए बेचने की योजना थी। एसीपी ने आगे कहा, "सत्यम चोरी के वाहनों को बेचने के लिए एक वेबसाइट बना रहा था। उसकी योजना थी कि अगर बाजार में वाहन नहीं बिकेंगे तो वह उन्हें वेबसाइट के जरिए बेच देगा।"