कानपुर केस : चौबेपुर थाने के पूर्व SO विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा गिरफ्तार

कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर हुए एनकाउंटर में पूर्व SO विनय तिवारी की अहम भूमिका बताई जा रही है?

Update: 2020-07-08 12:08 GMT

कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर हुए एनकाउंटर में पूर्व SO विनय तिवारी की अहम भूमिका बताई जा रही है। इन्हीं आरोपों के आधार पर चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ विनय तिवारी और एक बीट प्रभारी केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। विनय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने ही विकास दुबे को खबर दे दी थी कि पुलिस उसके घर छापा मारने वाली है। 

कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया, 'चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इनचार्ज के के शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए।' गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में यह सही पाया गया। जांच में सामने आया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल हिस्ट्रीशीटर दुबे के लिए मुखबिरी कर रहे थे।

कानपुर के एसएसएपी दिनेश प्रभु ने बताया, 'सबूतों के आधार पर यह पाया गया है कि विनय तिवारी और के के शर्मा ने विकास दुबे को सूचना दे दी थी कि उसके घर छापेमारी होने वाली है। इसीलिए वह अलर्ट हो गया था और उसने पुलिस पर हमला कर दिया। यही कारण था कि आठ पुलिसवालों की जान चली गई।'

पूरा चौबेपुर थाना हुआ लाइनहाजिर

मंगलवार को थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिल्हौर के तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी रिश्तों का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए कथित रूप से पत्र लिखा था। आरोप ही के विनय तिवारी की विकास दुबे के साथ नजदीकियों के चलते ही उन्होंने दबिश की सूचना विकास तक पहुंचाई। 

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने की थी विनय तिवारी की शिकायत

गौरतलब है कि कानपुर हत्याकांड में शहीद हुए सीओ विल्ल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने 14 अप्रैल को ही तत्कालीन एसएसपी अनंत देव त्रिपाठी को विभागीय चिट्ठी लिखकर एसओ विनय तिवारी और अपराधी विकास दुबे के सांठगाँठ की जानकारी दी थी. साथ ही किसी गंभीर गह्तना की आशंका जताई थी. हालांकि तत्कालीन एसएसपी ने इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद मंगलवार को शासन ने उन्हें डीआईजी एसटीएफ के पद से हटाते हुए मुरादाबाद पीएसी भेज दिया. अब उनके खिलाफ भी जांच जारी है.

STF की जांच में हुआ मुखबिरी में खुलासा

इस हत्याकांड में अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हो चुका है कि पुलिस विभाग ने ही मुखबिरी की. एसटीएफ के हाथ लगे ऑडियो से पता चला है कि चौबेपुर थाने में तैनात दरोगा केके शर्मा ने विकास दुबे से वारदात की रात से पहले शाम साढ़े पांच बजे विकास दुबे से बात की थी. उसके बाद दबिश से ठीक पहले रात 12.11 बजे सिपाही राजीव चौधरी ने विकास दुबे को दबिश और पुलिस फोर्स की संख्या बतायी. जिस पर विकास दुबे ने कहा कि आज वह पोलकी से निपट लेगा.

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