हाईकोर्ट रजिस्ट्रार का लेटर हुआ जारी, कानपुर जिला जज हटाए गए

काफी दिनो से आंदोलन चल रहा था वकीलों में काफी आक्रोश था

Update: 2023-04-15 11:56 GMT

 हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ने आज कानपुर कोर्ट के वकीलों की हड़ताल को लेकर लेटर जारी करते हुए कानपुर जिला जज को हटा दिया। काफी दिनो से जिला जज को लेकर आंदोलन चल रहा था। जिला जज के खिलाफ वकीलों में काफी आक्रोश था। जिला जज कानपुर को फिलहाल जूड़ीशियल ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ अटैच किया गया है। 


क्या है पूरा मामला 

कानपुर (Kanpur) में जारी वकीलों की हड़ताल (Lawyers Strike) पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की 7 जजों की बेंच ने बीते दिनों सख्त आदेश दिया था. इस बार एसोसिएशन, लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और कार्यकारिणी को शुक्रवार को इलाहाबाद में कोर्ट में मौजूद रहना होगा. आदेश में हड़ताल को खत्म करने को भी कहा गया है. ऑर्डर में कहा गया है कि इस दौरान अगर कोई वकील काम में बाधा डालते पाया जाए तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए. यही नहीं उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को भी शुक्रवार को न्यायालय के समक्ष मौजूद रहने का आदेश सुनाया गया है.

आदेश में पुलिस कमिश्नर कानपुर बीपी जोगदंड और डीएम विशाख जी अय्यर को आदेश पालन कराने के लिए निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं. इसके बाद कानपुर कोर्ट में इन नोटिस को चस्पा कराने का काम पुलिस और प्रशासन द्वारा करवाया गया है. दरअसल कानपुर कोर्ट में अधिवक्ताओं द्वारा जिला जज संदीप जैन पर अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगा कर वकील हड़ताल पर चल रहे हैं. पिछले 30 दिनों से जारी हड़ताल में शुरुआत में वकीलों ने जिला जज संदीप जैन की अदालत का बहिष्कार किया और इसके बाद संपूर्ण न्यायिक और प्रशासनिक कार्य का बहिष्कार कर दिया.

हो गया सरकार करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान 

आलम यह है कि पिछले 30 दिनों से सभी कोर्ट, रजिस्ट्री ऑफिस, तहसील और डीएम कार्यालय स्थित अदालतों का काम बंद पड़ा है. कोर्ट में स्टांप वेंडर और टाइपिस्ट तक के काम करने पर रोक लगी हुई है. वकीलों की हड़ताल से पिछले 30 दिनों में 20 हजार करोड़ का कामकाज ठप्प हो चुका है. अनुमान के मुताबिक हर रोज दो सौ से ढाई सौ रजिस्ट्री होती हैं जो इस वक्त बिल्कुल बंद हैं. कानपुर में अधिवक्ता और जिलाध्यक्ष के बीच जिला जज के बीच पिछले 30 दिनों से रस्साकशी जारी है अधिवक्ताओं का कहना है कि जिला जज संदीप जैन भरे कोर्ट में वकीलों से अभद्र और अपमानजनक व्यवहार करते हैं जिसके चलते उन्हें उनके पद से हटाकर कहीं और भेज दिया जाना चाहिए. 

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