Kanpur News : गिड़गिड़ाते रहे लेकिन चला दिया बुलडोजर, 10 लोगों ने कहा-सबको जला दो...पत्नी-बेटी के जिंदा जलने पर घर के मुखिया ने बयां किया दर्द
अब मामले पर राजनीति हो रही है, लेकिन इन दो मौतों के जिम्मेदार कौन हैं?
कानपुर देहात : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में जो कुछ हुआ, उसे हादसा नहीं हत्या ही कहेंगे। प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने गई थी। इस दौरान आग लगने से 44 वर्षीय प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी 19 वर्षीय नेहा दीक्षित की जलकर मौत हो गई। इस मौत के मामले के बाद लीपापोती की कोशिश शुरू हो गई है। एसपी का कहना है कि दोनों ने खुद आग लगा ली थी। अगर दोनों ने आग लगाई भी तो फिर अतिक्रमण हटाने के लिए मौजूद प्रशासनिक टीम ने उन्हें क्यों नहीं बचाया। गुनाहगार तो वे भी है, जो तमाशा देखते रहे। वीडियो बनाते रहे। दो जिंदगियां खाक होती रहीं।
दो मौतों के जिम्मेदार कौन?
अब मामले पर राजनीति हो रही है, लेकिन इन दो मौतों के जिम्मेदार कौन हैं? प्रशासन की ओर से जांच के आदेश दिए हैं। जांच होगी। रिपोर्ट आएगी। हो सकती है, कुछ कार्रवाई भी हो। दो जिंदगियों को वापस नहीं लाया जा सकता। अगर प्रशासन ने, वहां मौजूद लोगों ने थोरी सी संवेदनशीलता दिखाई होती तो शायद यह घटना नहीं घटती। प्रशासनिक अधिकारियों पर केस दर्ज कराए गए हैं।
उधर, घर के मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित की सामने आई हृदय विदारक तस्वीर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. झोपड़ी में लगी आग से जल रही पत्नी और बेटी को बचाने में विफल घर का मुखिया कराहता नजर आया. बेबसी और लाचारी का भाव और बेटी-पत्नी को न बचा पाने की टीस उनके चेहरे से साफ झलकरही थी. घटना में बुजुर्ग खुद भी झुलस गए. घटना जिले के रूरा थाना इलाके के मड़ौली गांव की है. गांव में अवैध अतिक्रमण हटाने गए तहसील प्रशासन की कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिजनों से नोकझोंक हो गई.
झोपड़ी में जब कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी उसके अंदर थीं, तभी प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया. और जैसे ही बुलडोजर झोपड़ी को तहस;नहस करने लगा, वैसे ही वहां अचानक आग भड़क उठी. आग ने विकराल रूप ले लिया. इसमें कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित की जिंदा जलकर मौत हो गई. धधकती आग को बुझाने में कृष्ण गोपाल बुरी तरह से झुलस गए और बेटा शिवम भी मामूली रूप से जल गया.
कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा, उनके घर रूरा थाने के 20 पुलिसवालों समेत एसडीएम, कानूनगो, तहसीलदार और लेखपाल आ धमके. हमने अनुरोध किया कि हमारे पास जमीन की व्यवस्था नहीं है. हमारा मामला कोर्ट में चल रहा है. 20 फरवरी की तारीख भी लगी है. यह सुनकर प्रशासनिक अधिकारी गाली-गलौज करने लगे और कहने लगे कि यह सब कुछ नहीं है. इसके बाद बुलडोजर से सब गिरा दिया. मंदिर भी गिरा दिया. कटिया मशीन गिरा दी. हमारे बंगला (झोपड़ी) गिराने लगे. उसके अंदर हमारी बिटिया और पत्नी थी.
सपा ने क्या कहा?
सपा ने आज एक ट्वीट करके कहा है कि, निर्दोषों की हत्या कर रहे अत्याचारी, बुल्डोजर सरकार के अधिकारी ! कानपुर के मड़ौली गांव में बुल्डोजर कार्रवाई के चलते लगी आग में मां-बेटी की जलकर हुई मौत, मौके से फरार हुए अफसर. शर्मनाक, आरोपी DM, SDM, लेखपाल पर धारा 302 के अंतर्गत हो मुकदमा, मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे सरकार.
मुआवजे की मांग
वहीं परिवार ने 50 लाख रुपये मुआवजा और घर के दो बेटों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है. मामले में कानपुर पुलिस ने 11 नामजद लोगों के साथ कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है. इस मुकदमे में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर 307, 302 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है.