कानपुर शूटआउट: 100 घंटे बाद भी विकास दुबे का सुराग नहीं, चौबेपुर थाने में 10 कॉन्स्टेबल का तबादला
यूपी के अलग-अलग जिलों में विकास दुबे के पोस्टर लगाए जा रहे हैं?
कानपुर हमले का मास्टरमाइंड विकास दुबे अब तक पुलिस के हाथ नहीं लग सका है. पुलिस की 50 टीमें विकास दुबे की तलाश में लगी हुई हैं. अब करीब सौ घंटे का वक्त हो चुका है, जब विकास दुबे अबतक फरार है. राज्य के सबसे बड़े गैंगस्टर का कोई अता पता नहीं है. पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए नेपाल से लेकर चंबल तक नजरें टिका रखी हैं. इस बीच विकास दुबे के घर के बगल में बने कुएं से भी गुनाहों के सबूत तलाशे जा रहे हैं.
इस बीच कानपुर में पुलिस लाईन से 10 पुलिसकर्मियों को चौबेपुर थाने स्थानान्तरित किया गया है. दरअसल, विकास दुबे से मुखबिरी के शक में चौबेपुर के पुलिसकर्मियों से पूछताछ चल रही है.
इस वजह से एसएसपी दिनेश कुमार ने पुलिस लाईन से 10 कॉन्स्टेबल की चौबेपुर थाने में तैनाती दी है. एसटीएफ की टीम विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने के शक के दायरे में आए चौबेपुर थाने के पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है. इसके कारण अब नए पुलिसकर्मियों से काम लिया जाएगा. एसएसपी ने आधी रात आदेश जारी किया.
इस बीच यूपी के अलग-अलग जिलों में विकास दुबे के पोस्टर लगाए जा रहे हैं. हापुड़ और फिरोजाबाद में विकास दुबे के पोस्टर लगाकर उसकी तलाश की जा रही है. इसके साथ ही पुलिस ने विकास दुबे पर इनाम को बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया है. साथ ही विकास दुबे की नौकरानी और कुछ रिश्तेदारों पर भी शिकंजा कसा गया है.
विकास दुबे की तलाश और उसके गुनाहों के सबूत खंगालने के लिए दनादन गिरफ्तारियां भी हो रही हैं. फतेहपुर के एक गांव से एक संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई है. वहीं विकास दुबे की नौकरानी और दो रिश्तेदारों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है. साथ ही बिकरु गांव यानी विकास दुबे के घर पर पुलिस की पैनी नजर है.
भले ही अब पुलिसवालों की नींद उड़ गई हो. लेकिन विकास दुबे के गुनाहों का अगर हिसाब करेंगे तो पता चलेगा कि उसमें पुलिसवाले भी बराबर के भागीदार थे. खासकर SO विनय तिवारी और उसकी पूरी टीम. SO विनय तिवारी के खिलाफ CO देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन SSP को लिखित शिकायत भी की थी. लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और जब चिड़िया खेत चुग गई तो भेदिया टीम को सस्पेंड कर दिया गया.