कानपुरकेस में बाद खुलासा: गैंगस्टर विकास दुबे ने पहले ही धमकाया था, 'गांव में पुलिस आई तो होगा खूनखराबा'

विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले राहुल तिवारी बुधवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने बताया कि विकास ने उन्हें पहले ही धमकी दी थी कि अगर गांव में पुलिस आई तो बहुत खूनखराबा होगा।

Update: 2020-07-16 04:47 GMT

उत्तर प्रदेश के कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने पहले ही यह चेतावनी दी थी कि अगर उसके गांव में पुलिस आएगी तो बहुत खूनखराबा होगा। विकास के खिलाफ एफआईआर लिखाने वाले राहुल तिवारी ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया। उन्होंने बताया कि गैंगस्टर दुबे के डर से ही वह अंडरग्राउंड हो गए थे।

राहुल ने बताया कि जब उन्होंने विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, तब पुलिस उन्हें विकास दुबे के पास लेकर गई थी। इसके बाद विकास ने उसे बुरी तरह से पीटा था। उन्होंने बताया, 'गैंगस्टर ने जब अपनी राइफल का बैरल मेरी छारी पर रख दिया और ट्रिगर दबाने वाला था, तभी एसएचओ चौबेपुर विनय तिवारी ने उसे रोक दिया। एसएचओ ने राहुल का जनेऊ हाथ में लेकर विकास से निवेदन किया कि पंडितों पर कलंक लग जाएगा कि घर बुलाकर मार दिया।'

राहुल ने आगे बकाया कि इसके बाद गैंगस्टर ने उससे और एसएचओ से गंगाजल पीने को कहा और कसम दिलाई कि उसके खिलाफ इस मामले में कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा। विकास ने धमकी दी कि अगर पुलिस गांव में आई तो बहुत खून-खराबा होगा।

विकास ने की थी राहुल की पिटाई

राहुल बिकरू गांव के पास ही जादेपुर निवादा गांव में रहते हैं। वह ससुराल पक्ष के लोगों से खेती की जमीन को लेकर विवाद सुलझाने की कोशिश में लगे थे। प्रस्तावित जमीन को राहुल बेचना चाहते थे लेकिन राहुल की साली (पत्नी की बहन) इसका विरोध कर रही थी। उसने विकास से राहुल को रोकने के लिए गुहार लगाई थी, जिसके बाद गैंगस्टर ने राहुल को सार्वजनिक से रूप से पीटा था। 1 जुलाई की इस घटना के बाद राहुल ने चौबेपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

सीओ बिल्हौर ने किया हस्तक्षेप

एफआईआर दर्ज करने की बजाय चौबेपुर एसएचओ विनय तिवारी 2 जुलाई की दोपहर राहुल को विकास दुबे के घर ले गए, जहां विकास ने राहुल की फिर पिटाई की। एसएचओ तिवारी ने किसी तरह से विकास को शांत किया। इस कोशिश में एसएचओ को भी चोट लग गई। इसके बाद डेप्युटी एसपी और बिल्हौर इलाके के सर्किल ऑफिसर देवेंद्र मिश्र के हस्तक्षेप से मामले में विकास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

घात लगाकर बैठे थे बदमाश

मिश्र ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सीओ ने विकास के घर छापेमारी के लिए तीन थानों के 25 पुलिसकर्मियों की एक टीम तैयार की। उन्हें नहीं पता था कि गैंगस्टर और उसके बदमाश गुर्गे वहां घात लगाकर बैठे हैं। पुलिस की रेड के दौरान गैंगस्टर से मुठभेड़ में 8 पुलिकर्मियों की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने त्वरित ऐक्शन लिया और वारदात में शामिल विकास दुबे समेत 6 आरोपियों को एकाउंटर में मार गिराया। 4 को गिरफ्तार किया गया है जबकि 11 अभी फरार हैं। 


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