प्रेमी के प्यार में पागल विवाहिता ने क्राइम सीरियल देखकर दिया हत्याकाण्ड को अंजाम, पहले ससुर और फिर पति की हत्या की
कानपुर। कानपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां प्रेमी से शादी के लिए एक युवती ने पहले अपने ससुर और फिर पति की हत्या की। पुलिस में स्टेनो सुसर की दवाओं को ओवरडोज देकर इतनी सफाई से मारा की कि किसी को भनक तक नहीं लगी। ससुर को रास्ते से हटाने के बाद उसने पति की हत्या की सुपारी दी। पति पर जानलेवा हमला करवाया, लेकिन वह बच गया। 5 दिन हॉस्पिटल में एडमिट रहा, फिर डिस्चार्ज होकर घर गया। पति हमले से तो बच गया, लेकिन अपनी पत्नी के खौफनाक इरादों से नहीं। घर पर पत्नी ने उसे दवाओं की ओवरडोज दी। दो दिन बाद पति की तबीयत काफी बिगड़ गई। उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां उसकी मौत हो गई। मृतक का नाम ऋषभ तिवारी था।
कानपुर का ऋषभ तिवारी हत्याकांड किसी क्राइम फिल्म की स्टोरी जैसा है। यहां एक परिवार है... करोड़ों की प्रॉपर्टी है। कहानी में यू-टर्न लेकर आने वाला उसका लवर भी है। पुलिस पूछताछ सामने आया है कि प्रेमी से शादी और करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए घ्सुसुर और पति की हत्या की। दोनों का प्लान था कि पूरी प्रॉपर्टी बेचकर दूसरी जगह बसने की थी। महिला ने पूछताछ में यह भी कबूला कि मर्डर प्लानिंग करने के लिए उसने क्राइम सीरियल देखे। फिलहाल पुलिस ने हत्यारोपी सपना, उसके प्रेमी और उसके दोस्त को पकड़ा है।
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कल्याणपुर के शिवली रोड पर ऋषभ तिवारी (29) पत्नी सपना के साथ रहते थे। 27 नवंबर को वह अपने दोस्त मनीष के साथ स्कूटी से चकरपुर गांव में एक शादी समारोह में गए थे। देर रात घर लौटने के दौरान चकरपुर गांव में दो बदमाशों ने ऋषभ पर चापड़ से जानलेवा हमला किया।
लेकिन वह गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी बच गए। स्वरूप नगर के एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो गए। 1 दिसंबर को अस्पताल से छुट्घ्टी मिल गई थी। लेकिन 3 दिसंबर को दोबारा अचानक ऋषभ की तबीयत बिगड़ी और इलाज के लिए हैलट में भर्ती हुए, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने ऋषभ के शव का पोस्टमॉर्टम कराया था, जिसमें मौत का कारण ही स्पष्ट नहीं हो सका था। इसलिए डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित किया था। सर्विलांस की टीम ने जब ऋषभ पर जानलेवा हमले की जांच शुरू की तो घटनास्थल पर संदिग्ध मोबाइल नंबर सक्रिय थे। जांच में पता चला कि वह राजू और सीटू के थे। जब राजू के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल देखी तो पता चला कि सपना से उसकी काफी बात होती है। इसी से शक गहराया। सभी के मोबाइल कब्जे में लिए। तीनों ने आपस में हत्या से संबंधित बातचीत की हुई थी। हमले के बाद राजू ने सपा को मैसेज भेजा था कि काम हो गया। बाद में सपना ने बताया कि वह जिंदा बच गया है। जब वह दवाइयां दे रही थी तो भी वह राजू को बताती थी। इसके बाद पति को दवाओं का ओवरडोज देकर मार डाला और किसी को भनक भी नहीं लगी।