कानपुर जिले के चर्चित हिस्ट्रीशीटर बदमाश विनोद दुबे की गिरफ्तारी के कानपुर पुलिस के ऑपरेशन टीम पर अत्याधुनिक असलहे से हमला बोल दिया गया. जिससे क्षेत्राधिकारी इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मी मौके पर शहीद हो गए इस हमले में कई पुलिसकर्मी लहूलुहान है.
अब सवाल उठता है कि विकास दुबे को आधी रात को पकड़ने गई पुलिस टीम के ऑपरेशन की मुखबिरी किसने की है और मुखबिरी करने वाले को पुलिस के ऑपरेशन की कैसे जानकारी हुई वह कौन शख्स है. जो अपराधी विकास दुबे के इतना नजदीक था की पुलिस के ऑपरेशन की जानकारी पुलिस टीम के पहुंचने के पहले हो उसे हो गई.
पुलिस महकमे के ऑपरेशन के पूर्व उनके ऑपरेशन की मुखबिरी के मामले में यदि में उच्च स्तरीय जांच हो जाए तो खुलासा होना तय है. लेकिन यह मुखबिरी पुलिस व्यवस्था पर बड़ा सवाल है. पुलिस महकमे को अपने इन मुखबिरों को चिन्हित कर इन पर पहले कठोर कार्रवाई करनी होगी. तभी पुलिस सुरक्षित रह सकती है. लेकिन क्या पुलिस ऑपरेशन की मुखबिरी करने वाले को उत्तर प्रदेश पुलिस चिन्हित कर पाएगी या फिर विकास दुबे के नाम पर ऑपरेशन कर मुखबिरी करने वाले को भूल कर आगे फिर मुखबिरी करने का मौका पुलिस महकमा देगी?