रजत शर्मा
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर ले जाते समय कार पलटने के बाद भागने की कोशिश की थी, तभी मुठभेड़ में एसटीएफ ने उसे ढेर कर दिया। दुबे को खून से लथपथ हालत में हैलट अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया। एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार ने कहा कि डॉक्टरों ने विकास दुबे की मौत की पुष्टि की है। हालांकि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कई सवाल उठने लगे हैं।
विकास दुबे के एनकाउंटर के साथ ही खत्म हुआ उसके आतंक का साम्राज्य
इस एनकाउंटर पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी सवाल उठाया है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, "जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?"
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?"
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, "अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?"
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में कहा, "दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।"
गैंगस्टर विकास दुबे ने पिछले शुक्रवार को कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही विकास दुबे कानपुर पुलिस के लिए मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शुमार है। विकास दुबे इस नरसंहार का एक नामजद आरोपी था। उसकी तलाश कई राज्यों की पुलिस कर रही थी। विकास दुबे लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था।