विकास दुबे केस: गिरफ्तार इनामी राजेंद्र ने किए कई अहम खुलासे, बताया कैसे बरसाई थीं पुलिस पर गोलियां

कानपुर के चौबेपुर से बिकरूकांड में शामिल इनामी अपराधी राजेंद्र को गिरफ्तार किया गया।

Update: 2020-08-16 04:28 GMT

कानपुर एनकाउंटर मामले में पकड़े गए इनामी राजेंद्र कुमार मिश्र ने कई अहम खुलासे किए है। इससे केस को सुलझाने में मदद मिल सकती है। पूछताछ में पहले तो राजेंद्र गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने थोड़ी कड़ाई की एक-एक कर सारी बातें कबूलने लगा।

राजेंद्र ने बताया कि दो जुलाई को पुलिस टीम पर हुए हमले में वह और उसका बेटा शामिल थे। उसने अपने घर की छत से बेटे के साथ पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। हमले के बाद वह अपनी पिस्टल विकास दुबे को देकर भाग निकला था। राजेन्द्र ने पुलिस को बताया कि वह कानपुर देहात और आसपास के जिलों में कई जगहों पर छिपता रहा। इस दौरान वह किसी रिश्तेदार के यहां नहीं गया क्योंकि उसे गिरफ्तारी की आशंका थी।

 पुलिस पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए राजेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने अपने घर की घत से पुलिस पर पिस्टल से फायरिंग की थी जबकि बेटे प्रभात ने सेमी आटोमेटिक पिस्टल से पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। उसने बताया कि हमले के बाद विकास दुबे ने उसे भागने को कहा और उसकी पिस्टल ले ली थी, ताकि पकड़े जाने पर हथियार की बरामदगी न हो पाए।

शनिवार को कानपुर के चौबेपुर से बिकरूकांड में शामिल इनामी अपराधी राजेंद्र को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने बताया कि चौबेपुर के बिकरू गांव के राजेन्द्र कुमार मिश्रा को शिवराजपुर रोड पर गंगोत्री रॉयल पशु आहार फैक्टरी के गेट से पकड़ा गया। वह कोर्ट में आत्मसमर्पण करना चाहता था, इसी सिलसिले में अपने किसी परिचित से बात करने जा रहा था। राजेन्द्र पर 50 हजार रुपए का इनाम था ।

पुलिस के मुताबिक राजेन्द्र का बेटा प्रभात उर्फ कार्तिकेय भी बिकरू कांड का आरोपी था। उसे दो जुलाई को बिकरूकांड के एक सप्ताह बाद ही हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। कानपुर लाते समय प्रभात ने एक पुलिसकर्मी से पिस्तौल छीनकर एसटीएफ टीम पर पर फायरिंग कर दी थी, जिसके बाद वह पुलिस के हाथों मारा गया। 



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