कासगंज में महिलाओं का सैलाब निकला काँवड़ लेकर, आस्था की दम पर 100 किलोमीटर तक जाएंगी पैदल

Update: 2023-02-17 11:10 GMT

कासगंज, महाशिवरात्रि पर्व पर तुलसीदास की जन्मस्थली सोरों सूकर क्षेत्र सोरों के लहरा गंगा तट पर लगने वाले काबंड मेले में वीते दिनों से कांवड़ियों की आमद शुरू हो गई है, सोरों के पुरोहितों के अनुसार ऐतिहासिक तीर्थ स्थल सोरों में महाशिवरात्रि से पूर्व ही वाहनों से पड़ोसी जनपद एटा, आगरा, भरतपुर, मथुरा, हाथरस के साथ ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया आदि स्थानों से बड़ी संख्या में कांवड़िया सोरों स्थित लहरा गंगा घाट से जल भरने आते हैं। 

सोरों क्षेत्र में मेले में कांवड़ सजाने के बाद गंगा तट पहुंच कर उन कांवड़ों में जल भरते हैं, तथा लहरा गंगा माता की पूजा अर्चना के बाद कांवड़ यात्रा शुरू करते हैं, कांवड़िया जत्थों के रूप में पैदल ही जल लेकर अपने अपने स्थानों पर जाकर महाशिवरात्रि पर जल चढ़ाते हैं, जिससे भगवान मनोकामना को पूरी करते है।

इसी मान्यता के चलते आज कासगंज जनपद के गंगा घाटों पर भी कावड़ियों की जबरदस्त भीड़ है, और रंग बिरंगी खूबसूरत कावड़ कंधे पर लिए सैकड़ों की तादात में कावड़िए बम भोले की गूंज करते हुए गंगा घाटों से कांवड़ लेकर अपने अपने गांव और शहर के शिवालयों के जलाभिषेक के लिए निकल पड़े हैं। 

कावड़ियों के स्वागत सत्कार के लिए समाजसेवियों ने सोरों की गंगा घाट से लेकर कासगंज के मुख्य बाजारों तक कई जगह भंडारे और विश्राम स्थल लोगों ने तैयार किये है, जहां रुक रुक कर कावड़ियों को नाश्ता और भोजन दिया जा रहा है।

कासगंज से फहीम अख्तर की रिपोर्ट  

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