सरकारी स्कूल का भोजन खाने के बाद तड़पने लगी दर्जनों छात्राएं
आनन फानन में छात्राओं को अस्पताल में कराया गया भर्ती हालत गंभीर होने पर छात्राओं को किया गया जिला अस्पताल रेफर
कौशाम्बी योगी सरकार के सरकारी व्यवस्था पर एक बार फिर करारा तमाचा पड़ा है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिए जाने वाले भोजन को खाते ही स्कूली बच्चे तड़पने लगे हैं, उल्टी दस्त शुरू हो गयी बच्चे बीमार हो गए हैं, मौके पर चीख पुकार मच गई बच्चों की गम्भीर हालत देखकर उन्हें इलाज के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। जहां हालत खराब होने पर दर्जनों बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है। भोजन जहरीला कैसे हो गया खबर लिखे जाने तक इसकी जांच शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरी कर दोषियों की गिरफ्तारी का प्रयास नहीं कर सके हैं।खाना खाने के बाद अचानक दर्जनों बच्चों की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने के बाद उनके परिजन भी मौके पर पहुंच गए हैं।
जानकारी के मुताबिक चायल ब्लाक अंतर्गत जानकीपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का संचालन हो रहा है। इस विद्यालय में 100 बच्चे पंजीकृत हैं। बुधवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय चायल के छात्राओं को स्कूल की ओर से भोजन कराया गया भोजन करने के कुछ देर बाद ही छात्राओं की उल्टी दस्त शुरू हो गयी बेचैनी बढ़ गई कुछ छात्राओं की हालत गंभीर होने लगी जैसे काजल, प्राची, राधिका, पूनम, अनीशा, अर्चना, रुचि, पारुल, पूनम देवी, रानी, किरन, कोमल, संजीवनी सहित तमाम छात्राएं बीमार हो गयी हैं। आनन-फानन में छात्राओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चायल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है।मामले की जानकारी मिलते ही कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ एसडीएम चायल क्षेत्राधिकारी चायल व नायब तहसीलदार विद्यालय मौके पर पहुंचे और बच्चों का हाल-चाल जाना ।
बच्चों ने बताया कि भोजन में उन्हें आलू का पराठा कचौड़ी दूध केला दिया गया है जबकि आज सरकारी विद्यालय में भोजन का यह रोस्टर नहीं है। कहीं बाहर से कचौड़ी आलू का पराठा मंगाया गया है जो वासी बताया जाता है यह आलू का पराठा कचौड़ी कहां से आया था यह जांच का विषय है। इस संबंध में की गई कार्यवाही के बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नहीं उठाए जाने से उनसे बात नहीं हो सकी है।