फलदार महुवा का हरा पेड़ माफिया ने किया धराशाही

दो दशक के सक्रिय लकड़ी माफिया के साथ वन विभाग के अधिकारी खेल रहे लुकाछिपी का खेल

Update: 2022-07-18 12:31 GMT

कौशाम्बी कोखराज थाना क्षेत्र के संदीपन गंगा घाट के पास लकड़ी माफिया ने एक विशाल महुआ का हरा फलदार पेड़ काट कर जमीन में धराशाई कर दिया वन विभाग के रेंजर और वन दरोगा ने कर्मचारियों को माध्यम बनाकर चोरी से महुआ का फलदार हरा पेड़ कटवाने का अपराध किया है। 

सोमवार को संदीपन घाट में डीएम एसपी कावड़ यात्रा शिवालय और गंगा घाट का निरीक्षण करने पहुंचे जैसे ही डीएम एसपी निरीक्षण कर वापस लौटे लकड़ी माफिया ने फलदार हरा पेड़ काटकर धराशाई कर दिया। 

ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो दशक से हरे पेड़ों का दुश्मन लकड़ी माफिया तुफैल अहमद ने सोमवार को दिन दोपहर इस बार भी महुआ का हरा फलदार पेड़ काटकर धराशाई किया है और काटे गए हरे भरे पेड़ की लकड़ी उठा ले जाने की तैयारी में लगा है ग्रामीणों ने माफिया पर कठोर कार्रवाई की मांग आला अधिकारियों से की है। 


आरोप है कि वन विभाग के रेंजर और वन विभाग के दरोगा की संलिप्तता से बीते दो दशक से लकड़ी माफिया फलदार हरे पेड़ों के कटान में लगे हैं और दो दशक से इलाके में प्रत्येक वर्ष सैकड़ो हरे फलदार पेड़ माफिया काटकर लकड़ी उठा ले जाते हैं बीते दो दशक से लकड़ी माफिया और विभागीय अधिकारी लुकाछिपी का खेल खेल रहे हैं जिससे फलदार पेड़ के अवैध कटान पर रोक नहीं लग रही है। 

एक तरफ योगी सरकार पौधारोपण कर हरियाली बनाने का निर्देश दे रही है दूसरी तरफ विभागीय लोगों की संलिप्तता से धरती से फलदार हरे पेड़ काटकर धरती को जंगल बनाने का प्रयास पेशेवर लकड़ी माफियाओं द्वारा किया जा रहा है यह मामला बेहद गंभीर है और 2 दशक से हरे भरे फलदार पेड़ को काटने में लगे लकड़ी माफिया पर कार्रवाई ना होने पर विभाग के बड़े अधिकारियों की निष्ठा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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