शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि की बात को शासन ने स्वीकारा, कमेटी गठित कर जल्द मिलेगी राहत
शासन स्तर पर एक कमेटी के प्राथमिक शिक्षा मित्र प्रमुख सचिव से संघ की हुई वार्ता
लखनऊ। शिक्षामित्रों के सड़क पर उतरने के बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम के साथ बुधवार को वार्ता हुई। इसमें शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही के लिए गठन पर सहमति बनी। देर रात बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया।
निदेशक ने माना अभी मिल रहा मानदेय काफी कम
शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रमुख सचिव ने माना कि शिक्षामित्रों को दिया जाने वाला मानदेय काफी कम है। इतने कम मानदेय में किसी का भी परिवार चलाना संभव नहीं है। ऐसे में इसमें वृद्धि होनी चाहिए और शासन इस पर सकारात्मक निर्णय लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इतने कम मानदेय के बाद भी शिक्षामित्रों का पीएफ क्यों नहीं कटता है? उन्होंने शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय में वापसी, मृतक शिक्षामित्रों के परिजनों को मुआवजे पर भी सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रमुख सचिव ने जल्द ही कमेटी का गठन कर बैठक कराने का आश्वासन दिया है। इसके बाद हम अपना धरना स्थगित करते हैं। अगर जल्द सकारात्मक कार्यवाही नहीं शुरू हुई तो दोबारा आंदोलन करेंगे।
शासन से आश्वासन के बाद खत्म किया प्रदर्शन
लखनऊ। शासन की ओर से कमेटी बनाने के आश्वासन देने से पहले दिन में प्रदेश भर से जुटे शिक्षा मित्रों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर लखनऊ में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। दो बार वार्ता के लिए गए प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख सचिव से मुलाकात न होने से नाराज शिक्षा मित्र करीब ढाई घंटे तक ईको गार्डन के पास सड़क जाम किए रहे। देर शाम प्रमुख सचिव से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने प्रदर्शन खत्म किया।
उप्र प्राथमिक शिक्षक मित्र संघ के बैनर तले विभिन्न जिलों से आए शिक्षा मित्र ईको गार्डन में इकट्ठे हुए वे नियमितिकरण की मांग को लेकर आरपार की लड़ाई के मूड में थे। उन्होंने दो बजे तक वार्ता न कराने पर विधान भवन का घेराव करने की चेतावनी दी। दोपहर करीब 12 बजे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल को वार्ता कराने के लिए ले जाया गया। करीब दो घंटे इंतजार करने के बाद प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव से बिना मिले लौट आया। अधिकारी चार बजे दोबारा प्रतिनिधिमंडल को वार्ता कराने के लिए गए, लेकिन प्रमुख सचिव से मुलाकात नहीं हुई। शाम साढ़े पांच बजे वार्ता हुई। इस दौरान मिले आश्वासन के बाद शिक्षा मित्रों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया।