मैनपुरी उपचुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव के खिलाफ पूर्व मंत्री ने खरीदा नामांकन पत्र, बीजेपी ने नहीं किया है नाम का ऐलान

Update: 2022-11-13 10:35 GMT

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Bypoll) पर उपचुनाव होने हैं और समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि अभी तक डिंपल यादव ने नामांकन पत्र नहीं लिया है। वहीं उप चुनाव के लिए पहले दिन गुरुवार (10 नवंबर) को केवल एक नामांकन पत्र खरीदा गया। यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे और बीजेपी नेता सतीश पाल ने नामांकन पत्र लिया है और उन्होंने कहा है कि वह इस सीट पर अच्छा चुनाव लड़ेंगे।

बीजेपी नेता सतीश पाल ने कहा कि उनके इस फैसले की जानकारी पार्टी हाईकमान को है। उन्होंने समाचार चैनल यूपी तक से बात करते हुए कहा, "बीजेपी में नीचे की भी जानकारी हाईकमान को रहती है। अभी कैंडिडेट पर विचार चल रहा है। उसी कैंडिडेट को उपचुनाव में टिकट मिलता है, जो चुनाव जीत सके।"

सतीश पाल ने कहा कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर पाल और गड़रिया समाज का आधार अधिक है और इसलिए उनका दावा भी बनता है। उन्होंने कहा कि 1952 के लोकसभा चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की, जो कांग्रेस के विपक्ष में थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय के उम्मीदवार बंशीधर गड़रिया समाज के थे और लोगों ने उनको वोट किया था।

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए सतीश पाल ने कहा, "समाजवादी पार्टी का गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट इसलिए बनी क्योंकि उनके समय में बूथ कैपचरिंग आम बात थी और बेईमानी होती थी। लेकिन अब मोदी जी और योगी जी के नेतृत्व में जो नई भारतीय जनता पार्टी आई है, इसमें बेईमानी करना संभव नहीं है। 2006 में विधुना में ब्लाक प्रमुख का चुनाव था और हमारे पास जीतने के लिए वोट थे। लेकिन सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। इनके कारण पुलिस ने गोली चलाई, हमारा एक समर्थक मारा गया और मुझे जेल हुई और हम चुनाव हार गए।"

मैनपुरी लोकसभा सीट से अपर्णा यादव के भी चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है। इस सवाल को लेकर सतीश पाल ने कहा, "बीजेपी में फैसला हाईकमान करता है और हाईकमान किस नाम पर विचार कर रहा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। अपर्णा यादव भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हैं और अगर हाईकमान टिकट देगा तो वह भी चुनाव लड़ सकती हैं।"

शिवपाल यादव पर भी सतीश पाल ने निशाना साधा और कहा कि समाजवादी पार्टी बड़े ही चरणबद्ध तरीके से काम करती है और अपने घपले छुपाने का प्रयास करती है। सतीश पाल ने कहा, "पिछड़े समाज का सबसे अधिक शोषण समाजवादी पार्टी ने किया है। बड़े ही स्ट्रैटेजिककिली सपा फैसले लेती है। यह लोग चाहते हैं कि इनका एक आदमी उधर मिल जाए, एक आदमी इधर रह जाए, जिससे उनके सारे घपले छुप जाएं।"

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