थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह का खुला राज, चार साल में ऐसे कमाई बेसूमार दौलत
मेरठ। भ्रष्टाचार और बिजली चोरी के मामले में निलंबित हस्तिनापुर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने मेरठ जिले में चार साल के कार्यकाल में अकूत संपत्ति अर्जित की है। अभी तक शास्त्री नगर के पॉश इलाके में तीन साल पहले खरीदे गए फ्लैट व हस्तिनापुर स्थित द्रौपदी घाट के पास पिछले साल बैनामा कर बनाए आलीशान फार्म हाउस का खुलासा हुआ है। इसके अलावा भी धर्मेंद्र के पास काफी संपति बताई जा रही है। इसकी विभागीय जांच शुरू हो गई है।
2016 में तत्कालीन एसएसपी जे रविंदर गौड़ के कार्यकाल में 2013 बैच के दरोगा धर्मेंद्र की पोस्टिंग हुई थी। इसके बाद वह मेडिकल, लिसाड़ी गेट, सरूरपुर, मवाना, परीक्षितगढ़ थाने में थानाध्यक्ष रहे। हस्तिनापुर का चार्ज उन्हें तत्कालीन एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने दिया था। सवा दो साल से वह हस्तिनापुर थाने में जमे थे। पहले पुलिस अधिकारियों और बाद में सत्ताधारी दल के एक नेता का हाथ होने के चलते उन्हें लगातार थाने का चार्ज मिल रहा था। इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है कि शिकायतों के बावजूद आखिरकार सवा दो साल तक धर्मेंद्र को थाने का चार्ज क्यों दिया गया।
सिपाही और होमगार्ड बुलाया, फार्म हाउस पर ताला जड़ा
धर्मेंद्र के निर्देश पर फार्म हाउस की देखरेख के लिए थाने का एक सिपाही व एक होमगार्ड वहां तैनात रहते थे। आलीशान फार्म हाउस की खबर प्रकाशित होते ही सुबह थाना पुलिस में खलबली मच गई। फार्म हाउस पर तैनात सिपाही व होमगार्ड को सुबह-सुबह ही थाने बुलाने के साथ ही फार्म हाउस पर ताला लगा दिया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सरकार की मंशा है कि प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त बने। भ्रष्टाचार के मामले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते हैं। पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। आलीशान फार्म हाउस की जानकारी लगते ही थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो भी मामले की जांच करे। - राजीव सभरवाल, एडीजी, मेरठ जोन