गौतमबुद्धनगर: कार चोरी का मुकदमा समय से दर्ज न करने पर कोतवाल को सीपी आलोक सिंह ने क्राइम मीटिंग से दिखाया बाहर का रास्ता
गौतमबुद्धनगर/ललित पंडित: नोएडा कमिश्नर आलोक सिंह समय समय पर क्राइम मीटिंग कर जनपद में तैनात कोतवालों को लापरवाही न बरतने की चेतावनी देते रहते है। लेकिन वही कुछ कोतवालों को अपनी लापरवाही के चलते सीपी आलोक सिंह की नाराजगी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ बीते दिनों हुई क्राइम मीटिंग में देखने को मिला जब नोएडा कमिश्नर द्वारा क्राइम मीटिंग आयोजित की गई।
दरअसल, एक थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी के क्राइम मीटिंग में जाने से पहले एक कार चोरी का मामला सामने आया। पीड़ित व्यक्ति जब चौकी इंचार्ज के पास अपनी शिकायत लेकर पहुँचा तो चौकी इंचार्ज ने अगले दिन सुबह शिकायत लेकर आने के लिए कहकर पीड़ित को वापस भेज दिया। इसी बीच पीड़ित व्यक्ति द्वारा उक्त वाक्ये की जानकारी सीपी गौतमबुद्धनगर आलोक सिंह को दे दी जाती है। अतः क्राइम मीटिंग शुरू होते ही सबसे पहले उक्त वाकये से संबंधित थाना प्रभारी को खड़ा किया जाता है। व कार चोरी के संबंध में मुकदमा दर्ज होने की स्तिथि की जानकारी सीपी आलोक सिंह स्वयं माँगते हैं। लेकिन लापरवाही के चलते उक्त थाना प्रभारी को मामले की लीपापोती में लग जाते है।
वही सीपी आलोक सिंह जोकि जनपद में चल रही गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए रखते है को पूरे मामले की जानकारी थी। सीपी ने तुरंत थाना प्रभारी को डाँटते हुए तुरंत मीटिंग हॉल से बाहर जाने के लिए आदेशित किया व जब तक एफआईआर की कॉपी न मिल जाये तब तक अंदर न आने की हिदायत दी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्राइम मीटिंग खत्म होते समय उक्त थाना प्रभारी एफआईआर कॉपी लेकर मीटिंग हॉल में दाखिल हुए थे।