Exclusive: गैर जनपद तबादला होने के बावजूद गौतमबुद्धनगर में आवास पर कब्जा जमाए बैठे है कई अधिकारी
गौतमबुद्धनगर: जनपद में कमिश्नरेट बनने के बाद से लगातार पुलिस बल बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है जैसा कि देखा गया है कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिस बल बढ़ाया भी गया है जनपद में आने वाले पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों के रहने का इंतजाम पुलिस लाइन में किया जाता है। वही चार्ज मिलने पर अधिकारियों व कर्मचारियों को थाने में बनी बैरक में भी रहने का बंदोबस्त किया जाता है। प्राय: ऐसा भी देखा जाता है की जनपद में आने वाले कर्मचारी व अधिकारियों को आवास ने मिलने की समस्या से रूबरू होना पड़ता है। सरकारी आवास न मिल पाने पर अधिकारी व कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कमिश्नरेट बनने से पहले की अगर आंकड़े देखे जाएं तो गेट जनपद तबादला होने के बावजूद जनपद में आवास पर कब्जा जमाए हुए अधिकारी व कर्मचारियों की संख्या लगभग 450 थी। वही कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने के बाद ऐसे सभी अधिकारी व कर्मचारियों को डीसीपी हेडक्वार्टर के कार्यालय से नोटिस जारी किया गया। नोटिस जारी होने के बाद लगभग 60% अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा आवाज खाली कर दिए गए।
सामान्यतः गैर जनपद में तबादला होने के बाद पूर्व जनपद के आवास को खाली कर नवीन जनपद में आवास के लिए आवेदन किया जाता है। नवीन जनपद में आवास मिलते ही पूर्व जनपद के आवास को खाली कर दिया जाता है। लेकिन गौतमबुद्धनगर से तबादला होने के बावजूद कई निरीक्षकों के द्वारा अभी तक पुराने आवासों पर कब्जा जमाया हुआ है। सेक्टर 20 थाने में बने आवासों में कई साल पहले थाना सेक्टर 20 के चार्ज से हटाए जा चुके निरीक्षकों के द्वारा अभी भी आवासों पर कब्जा जमाया हुआ है।
वहीं इस मामले में डीसीपी हेडक्वार्टर नितिन तिवारी ने बताया कि गैर जनपद में तबादला होने के बाद ऐसे पुराने आवास में रहना गलत है। यह प्रवृत्ति सिर्फ पुलिस विभाग में ही नही अन्य विभागों में भी ऐसा देखने को मिलता रहा है। ऐसे सभी अधिकारी व कर्मचारीयों को नोटिस जारी किया जा चुका है। जिनके द्वारा अभी भी आवास खाली नही किये गए है उनकी तनख्वाह से कटौती की जा रही है। साथ ही आवास खाली कराने हेतु अन्य कार्यवाही शुरू की जा रही है।