(धीरेन्द्र अवाना)
नोएडा। इलाज में लापरवाही बरतने वाले नोएडा के यथार्थ अस्पताल के पांच डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ ने एफआईआर दर्ज करवायी है।डाक्टरों पर आरोप है कि कोरोना काल के दौरान मरीज को निर्धारित समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया गया था।जिसके कारण मरीज की मौत हो गई थी।
बता दें कि करोना काल की दूसरी लहर के दौरान गाजियाबाद के सेक्टर 9 में रहने वाले विजय नगर निवासी प्रदीप कुमार शर्मा ने अपने 22 वर्षीय पुत्र दीपांशु शर्मा को नोएडा के सेक्टर 110 स्थित यर्थाथ अस्पताल में भर्ती कराया था।दीपांशु के दोनों फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हुआ था और कई दिनों तक उपचार के बाद अस्पताल में ही दम तोड़ दिया था।मरीज के पिता प्रदीप कुमार ने आरोप लगाया था कि डॉक्टरों ने पैसे जमा करवाने के बाद भी निर्धारित समय पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं लगाया था जिसके कारण उनके पुत्र की मौत हो गई थी। प्रदीप कुमार ने पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी में शिकायत की थी।पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के आदेश पर सीएमओ को मामले की जांच के लिये डिप्टी सीएमओ डॉ टीकम सिंह, फिजीशियन डॉ हरि मोहन गर्ग की कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिये थे।दो सदस्यीय जांच समिति
की ओर से संयुक्त रुप से रिपोर्ट दी है।जिसमें कहा गया है कि डॉक्टरों की ओर मरीज को निर्धारित समय पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं दिया गया था।इस कारण मरीज की मौत हो गई थी।डिप्टी सीएमओ की शिकायत पर इलाज में लापरवाही बरतने वाले पांच डॉक्टरों डाँ हेमंत,
डाँ दानिश,डाँ इमरान,डाँ संजय और डाँ मंयक सक्सेना के खिलाफ थाना फेज 2 में एफ.आई.आर दर्ज हुयी है। वही वर्तमान में कई डॉक्टर अस्पताल छोड़ चुके है।नोएडा सेंट्रल एडीसीपी साद मियां खान का कहना है कि डिप्टी सीएमओ डॉ टीकम सिंह की शिकायत पर थाना फेज टू पुलिस ने यथार्थ हॉस्पिटल के पांच
चिकित्सक डॉ हेमंत, डॉक्टर दानिश, डॉक्टर इमरान, डॉक्टर संजय और मयंक सक्सेना के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी का कहना है कि जांच कमेटी से सभी दस्तावेज मांगे गए हैं रिपोर्ट को आधार बनाकर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।