हनी ट्रेैप में फंसने से बचे पूर्व मंत्री

Update: 2019-01-28 08:16 GMT

धीरेन्द्र अवाना

ग्रेटर नोएडा। क्या आप जानते है हनी ट्रैप किसे कहते है नही तो हम आपको बताते है कि हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल।मतलब ये हुआ कि एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है और किसका शिकार बनने वाला है। खूबसूरत महिला किसी बड़े अधिकारी,राजनेता,चर्चित व्यक्ति को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती।


हनी ट्रैप के मिशन पर निकली महिला दोस्ती की आड़ में न सिर्फ जानकारियां हासिल करती है बल्कि कई बार अपने शिकार के गोपनीय दस्तावेजों भी अपने हाथ में लेकर अपने शिकार को ब्लैकमेल भी करती है।अगर शिकार की कोई आपत्तिजनक तस्वीर या खास बातचीत की कोई डिटेल हाथ लग जाए तो उसे जगजाहिर करने की धमकी भी दी जाती है।बदनामी के डर से वो शख्स अहम से अहम राज भी उगल देता है।इसी तरह का एक मामला सामने आया है जिसमें युवती ने बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री करतार सिंह नागर को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की।उन्होने इस मामले में एक युवती के खिलाफ बादलपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है।


चर्चा ये भी है कि उन्हें राजनैतिक रुप से नुकसान पंहुचाने के इरादे से कुछ नेताओं ने ही जाल बिछाया था।मामला ये है कि करीब एक महीने पहले करतार सिंह नागर को एक महिला ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने के बहाने फोन किया था।इसके बाद उसने कई बार पूर्व मंत्री से मिलने का आग्रह किया,लेकिन मिलने से इंकार कर देने के बाद महिला ने वाट्सअप पर पूर्व मंत्री को फोटो और संदेश भेजे व बाहर घूमने का भी ऑफर भी दिया।उसके बाद हद तब हो गयी जब आधी रात को भी फोन आने लगे।


मामला बढ़ता देखकर पूर्व मंत्री ने इस की सूचना पुलिस को दी। सूत्रों की माने तो पुलिस ने जब महिला की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि महिला के नम्बर से बसपा के कई बड़े नेताओं से बातचीत की गयी थी।पुलिस को शक है कि पूर्व मंत्री को सुनियोजित तरीके से फंसाने की साजिश रची गई थी।आप को बता दे कि लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के कई नेता पूर्व मंत्री से नाराज चल रहे है।बादलपुर कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गयी है।जांच के दौरान जो भी नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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