फर्जी मालिक या ब्रोकर बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चार शातिर अपराधी गिरफ्तार

एडिशनल डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि ये लोग मैजिकब्रिक्स, 99 एकर्स सहित अन्य वेबसाइट पर फ्लैट व कामर्शियल प्रॉपर्टी का फर्जी मालिक बन उसे किराये पर उठाने के लिए विज्ञापन डालते थे।

Update: 2023-02-02 06:04 GMT

नोएडा (धीरेन्द्र अवाना) : नोएडा पुलिस को उस वक्त एक बड़ी सफलता मिली जब सैक्टर-39 कोतवाली पुलिस ने प्रॉपर्टी खरीद और बिक्री की वेबसाइट पर फर्जी मालिक या ब्रोकर बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया।आरोपितों की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर के अमितेश मिश्रा, भोजपुर के मृत्युंजय चौबे, एक्सप्रेस-वे कोतवाली क्षेत्र स्थित नगला नगली गांव के अनिल चौहान और सलारपुर के पुष्पेंद्र के रूप में हुयी।

आरोपितों के कब्जे से एक एटीएम कार्ड, सात फर्जी आधार कार्ड, पासबुक और 20 हजार की नकदी बरामद हुई है।आपको बता दे कि पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर अपराध व अपराधियों पर निरंतर अंकुश लगाया जा रहा है।इसी क्रम में एसीपी प्रथम रजनीश वर्मा के कुशल नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी सैक्टर-39 अजय सिंह चाहर ने अपनी टीम के साथ मिलकर प्रॉपर्टी खरीद और बिक्री की वेबसाइट पर फर्जी मालिक या ब्रोकर बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया।

एडिशनल डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि ये लोग मैजिकब्रिक्स, 99 एकर्स सहित अन्य वेबसाइट पर फ्लैट व कामर्शियल प्रॉपर्टी का फर्जी मालिक बन उसे किराये पर उठाने के लिए विज्ञापन डालते थे।ग्राहकों का फोन आने के बाद ये लोग उन्हें झांसे में लेते थे।तीन महीनों में आरोपितों ने नौ लोगों के साथ ठगी करके करीब सात लाख रुपये ऐठे है।शातिरों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है।

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि अमितेश मिश्रा उर्फ करण ग्राहकों से बात कर फ्लैट या कामर्शियल प्रॉपर्टी को दिखाने के लिए समय निर्धारित करने का काम करता था। पुष्पेंद्र ग्राहक को फ्लैट या कमर्शियल प्रॉपर्टी को मौके पर जाकर दिखाता था और फर्जी फ्लैट मालिक से फोन पर बात कराता था।अनिल चौहान फर्जी फ्लैट मालिक बन कस्टमर से फोन पर बात करता था और फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार कर एग्रीमेंट की छायाप्रति ग्राहक को देता था। मृत्युन्जय के खाते में रकम ट्रांसफर कराई जाती थी।इसके बाद चारों रकम का बराबर बंटवारा करते थे।

एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि आरोपित रियल एस्टेट की साइट पर गलत नाम और मोबाइल नंबर डालकर आइडी बनाते थे और फ्लैट दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे।कुछ दिनों से पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि आनलाइन साइट पर किराये पर फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी की जा रही है।जांच के दौरान इसमें चारों की संलिप्तता पायी गयी।

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