गौतमबुद्धनगर: गर्भवती महिला की मौत के मामले में जाँच पूरी, सीएमओ ने डीएम को सौंपी जाँच रिपोर्ट
अस्पताल के निदेशक, उपचार व रैफर करने वाले चिकित्सक, व एम्बुलेंस ड्राइवर को इस घटना का उत्तरदायी माना गया है.
बीते 5 जून को कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद ईलाज न मिल पाने के कारण गर्भवती महिला की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई. इस तरह की जब खबर सामने आई तो सोशल मिडिया पर जमकर लोंगों ने भडास निकाली. चूँकि दो दिन पहले ही केरल में एक हथिनी की मौत की खबर से मानवता जाग चुकी थी.
ईएसआईसी अस्पताल द्वारा ईलाज न कर जिला अस्पताल के बाहर छोड़ देने पर दोषी मानते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिख की कार्यवाही जिलाधिकारी ने संस्तुति की है. अस्पताल के निदेशक, उपचार व रैफर करने वाले चिकित्सक, व एम्बुलेंस ड्राइवर को इस घटना का उत्तरदायी माना गया है.
जिला अस्पताल में भी ईलाज न करने व ढिलाई बरतने को लेकर दोषियों पर कार्यवाही करने हेतु प्रमुख सचिव व शासन को पत्र लिखा गया है. घटना की गंभीरता एवं बरती गई लापरवाही को देखते हुए स्टाफ नर्स रोजबाला, वार्ड आया अनीता पर कार्यवाही करने हेतु व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० वंदना शर्मा को अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने हेतु भी शासन को पत्र लिखा गया है.
निजी अस्पतालों द्वारा ईलाज उपलब्ध न कराने व मरीज को बहाना बना कर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रैफर करने में दोषी मानते हुए चीफ मेडिकल अफसर को निर्देशित किया कि सभी संबंधित अस्पतालों को प्रशासनिक कार्यवाही करने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. साथ ही प्रशासनिक कार्यवाही कराना सुनिश्चित कराने के सीएमओ को निर्देश दिए गये है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी जारी दिशा निर्देशों के क्रम में सक्षम चिकित्सीय समिति गठित करते हुए परीक्षणोपरांत सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने हेतु निर्देशित किया गया है. जिम्स ग्रेटर नोएडा द्वारा भी मरीज को ईलाज न कर वापस किया गया था. अन्य अस्पतालों में संपर्क करने के बाद दोबारा जिम्स में आने पर एडमिट किया गया था.
पहली बार वापस करने वाले स्टाफ पर कार्यवाही हेतु जिम्स डायरेक्टर को निर्देशित किया गया है. गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल द्वारा भी मरीज को ईलाज उपलब्ध न करते हुए वापस किया गया था. अस्पताल पर कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी गाज़ियाबाद को भी पत्र लिखा गया है.
जांच की पूरी रिपोर्ट