धीरेन्द्र अवाना
नोएडा।कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये पूरे देश में लॉक डाउन छोषित कर रखा है।लॉक डाउन में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसको ध्यान में रख कर प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश दिया हेै कि फीस के लिए अभिभावकों पर दवाब ना दिया जाये।लेकिन फिर भी नोएडा के स्कूल शासन के आदेशों ना मानकर अपने आपको सरकार से भी बड़ा दिखना चाहते है।ऐसे स्कूलों को सबक सिखाने का बीड़ा उठाते हुये व गरीबों के हित के लिए कार्य करने के लिए जाने जाते पत्रकार धीरेन्द्र अवाना ने अभिभावकों की शिकायत पर " सरकारी आदेशों की अवहेलना करता नोएडा का असीसी कॉन्वेंट स्कूल"शीर्षक नामक एक खबर लिखी जिसको देखकर स्कूल ने अपने एग्जाम का सर्कुलर बदलते हुये उसमें से एक लाइन हटा दी जिसमें स्कूल ने ये कहा था कि जो बच्चा फीस नही जमा करेगा उसे परीक्षा में बैठने नही दिया जायेगा।अब इसको स्कूल का खौफ कहे या कारवाई का डर।लेकिन बात तो सत्य है ऐसे स्कूलों पर नकेल कसनी बहुत जरूरी है।
आपको बता दे कि कल नोएडा के असीसी कॉन्वेंट स्कूल ने अपने एग्जाम के सर्कुलर मे साफ साफ कहा कि जिन बच्चों की फीस नहीं जमा हुई है उनको यूनिट टेस्ट मे नही बैठाया जायेगा।जहा एक तरफ लॉक-डाउन अवधि मे अभिभावकों के रोजगार व व्यापार बंद पड़े है ऐसी स्थिति में स्कूलों का फीस देने का दवाब अभिभावकों के लिए नयी मुसीबत बन गया है।यह करके स्कूल ने फीस देने में असमर्थ अभिभावकों को भारी झटका दिया है।आपको बता दे कि असिसि कॉन्वेंट स्कूल की गिनती
मिशन स्कूल में होती है।इस तरह के अल्पसंख्यकों के स्कूलों को सरकार की तरफ से भारी भरकम खैरात और छूट मिलती है।जिसका स्कूल नाजायस फायदा उठाते है।फिर भी इस तरह के स्कूल बच्चों के साथ कर रहा है खिलवाड करके दिखा रहे है कि उनके मन में बच्चों के प्रति कोइ समवेदना नही रह गयी है।अगर बात करे मानवता की तो लॉक डाउन जैसी विषम परीस्थिति में भी वह इनके मन में नही जाग पायी।विभाग की बात करे तो विभाग कुछ ना करके हाथ पर हाथ धरे बैठा है।