नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस कम्पनी पर जुर्माना लगाने के दिये निर्देश जाने....
पानी की उपलब्धता बढ़ाने और गुणवत्ता बेहतर करने से संबंधित चल रही योजनाओं को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने समीक्षा की। काम में लापरवाही बरतने पर मैसर्स वाप्कॉस कंपनी पर जुर्माना लगाने के निर्देश सीईओ ने दिए हैं। बैठक में सीईओ ने निर्देश दिए कि रैनीवेल संख्या-2, 3, 4 और 6 को फिर से शुरू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया 31 अक्तूबर तक जारी कर दी जाए। सभी वाटर मीटर 31 दिसंबर 2022 तक लगाने के निर्देश दिए। इससे पहले 31 अक्तूबर तक लक्ष्य के हिसाब से मीटर नहीं लगाने पर भी कंपनी पर जुर्माना लगाने के लिए जल विभाग के अधिकारियों से कहा। जिन जगह मीटर लग चुके हैं, वहां से प्राप्त राजस्व का बीते सालों से तुलनात्मक अध्ययन किया जाए।
सीईओ ने दिए निर्देश: सीईओ ने कहा कि सेक्टर-50 में बनाए गए वैटलेण्ड के आसपास हुए अतिक्रमण को जल्द हटाया जाए। इसके अलावा वेटलैण्ड के निर्माण के बाद पानी की गुणवत्ता में हुए सुधार का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए और नाले में प्राप्त हो रहे प्रवाह पर मॉनीटीरिंग सिस्टम अपस्टीम एंड डाउनस्टीम दोनों जीपीएस के साथ स्थापित किए जाए। नए सेक्टर-145, 146 और 164 में जल-सीवर के सभी काम को उपलब्ध भूमि पर सभी प्रक्रिया पूरी करते हुए तेजी से काम किए जाएं। जल खंड प्रथम में अक्रियाशील 7 नलकूपों को जनवरी 2023 तक टाइमलाइन के साथ पूरा किया जाए।
30 नवंबर तक टेंडर जारी:साथ ही सीईओ ने शहर में संचालित सभी एसटीपी पर टीटीपी लगाने के लिए 30 नवंबर तक टेंडर जारी करने के निर्देश दिए। जिन एसटीपी को चलते हुए 10-12 साल हो गए हैं उनको रेट्रोफिट करने के लिए तकनीकी परामर्श लेने को एजेंसी का चयन किया जाए। सभी एसटीपी से प्राप्त शोधित जल का उपयोग पूरी क्षमता से करने के निर्देश दिए और स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में वाटर प्लस श्रेणी में जो नोएडा शहर की जनसंख्या के समतुल्य है और जिन्होंने सर्वेक्षण में वाटर प्लस प्राप्त किया हुआ उनका पैटर्न यहां लागू किया जाए। जल राजस्व बढ़ाने के लिए बकाया ऑनलाइन जमा कराने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए और मोबाइल एप बनाकर सुविधाएं दी जाएं।