प्याज की कीमतों में भारी गिरावट,आलू की कीमत हुई आधी, जानिए आज के ताजा भाव!

Update: 2019-12-31 07:52 GMT

नोएडा. सूबे और देश की सरकार ने समाज को बांटने वाली अपनी राजनीति में लोगों को उलझा दिया है। वहीं, जनसरोकार के मुद्दे सुर्खियों से गायब होते नजर आ रहे हैं। पिछले कई महीनों से महंगी प्याज लोगों को खूब रुला रही है। इस वर्ष प्याज के दाम ने एक नया इतिहास बना दिया है। हालत ये है कि रोजमर्रा की जरूरत में इस्तेमाल होने वाली प्याज लोगों की थाली से गायब हो गई है। हालांकि, अब नोएडा में प्याज के दाम में थोड़ी नरमी देखी जा रही है। दरअसल, प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र सरकार ने प्याज आयात के आदेश दिए थे।

ऐसी संभावना है कि जनवरी के पहले हफ्ते में विदेशों से आयातित प्याज भारत पहुंचने लगेगा। लिहाजा, इसका असर भी बाजार में दिखने लगा है। 140 से 130 रुपए प्रति किलो तक बिकने वाला प्याज अब खुदरा बाजार में 80-90 रुपए किलो पहुंच गई है। वहीं, आलू के दाम में भी भारी कमी दर्ज हुई है। आलू जो एक हफ्ते पहले तक 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। उसकी कीमत अब अधी रह गई है। यानी खुदरा बाजार में 40 रुपए प्रति किलो बिकने वाला आलू अब 20 रुपए किलो बिक रहा है।

प्याज और आलू के दाम में आई कमी के बाद अब भी आलू और प्याज के दाम बहुत ज्यादा है। इन दिनों आलू के 5-6 रुपए किलो खुदरा बाजार में बिकता था, लेकिन इस वर्ष आलू की कीमत अब भी 20 रुपए प्रति किलो बनी हुई है। वहीं, प्याज की कीमत 80-90 रुपए किलो है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले 400 प्रतिशत तक ज्यादा है। यानी इस सीजन में आमतौर पर जो प्याज 15-20 रुपए किलो बिकती थी, वह इस वक्त 80-90 रुपए किलो बिक रही है।

गौरतलब है कि इस वक्त देश के ज्यादातर शहरों में, प्याज की कीमतें 100 रुपयेके आस-पास बनी हुई है। नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक आयातित प्याज की आवक शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि लगभग 1,160 टन प्याज भारत पहुंच चुका है। अगले 3-4 दिनों में इसके अलावा 10,560 टन प्याज की खेप जल्द आने की उम्मीद है। मंत्रालय के अफसर के मुताबिक तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से लाल और पीले दोनों किस्म के प्याज आयात किए गए हैं। गौरतलब है कि आम तौर पर पीले रंग के प्याज को ही आयातित प्याज माना जा रही था। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि लाल रंग के प्याज भी विदेशों से आयात किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि सरकार की ओर से प्याज का आयात करने वाली सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एमएमटीसी ने अब तक विदेशों से 49,500 टन प्याज का अनुबंध किया है। प्याजा आयात की ये खेपें मुंबई बंदरगाह पर उतारती हैं। अगले महीने भी कुछ आयातित खेप आएंगी। आपको बता दें कि भारत में प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अत्यधिक बारिश की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में खरीफ उत्पादन में 25 प्रतिशत की गिरावट की आशंका के बाद प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ गई थी। इसके अलावा, प्याज के रखे हुए स्टोर से भी लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में प्याज संड़ जाने से देश में प्याज की किल्लत पैदा हो गई है।

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