Noida News: आत्महत्या की बात करने वाले इंस्पेक्टर नोएडा में बने कोतवाल
लेकिन देखना यह होगा कि अब आगे पुलिस कमिश्नर किस तरह एक बदले हुए नोएडा की तस्वीर प्रस्तुत करेंगी।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कार्य पद्धति और गुन दोष के आधार पर बीते दिनों पुलिस की क्राइम मीटिंग के दौरान कमिश्नरी के पांच कोतवाल हटाए और पांच नए कोतवाल तैनात किये. ऐसे में एक एसएचओ नियुक्त किये गए उनको लेकर चर्चा बड़ी जोर शोर से हो रही है. कहा जा रहा है जो व्यक्ति खुद सुसाइड नोट का स्टेटस अपने वाटसउप पर लगाता हो वो भला अपने थाने में लोगों को न्याय कैसे दे पायेगा.
पहले ऐसा ही एक प्रकरण ग्रेटर नोएडा में सामने 21 जून 2022 को आया था. जहां सोशल मीडिया पर एक खबर प्रसारित हुई कि ग्रेटर नोएडा आईटी सेल में कार्यरत एक निरीक्षक ने आत्महत्या का प्रयास किया है. पुलिस अधिकारियों ने तत्काल उक्त निरीक्षक के घर पहुंच निरीक्षक को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया था. उनको चार्ज मिलना जनता में अतिश्योक्ति के रूप में देखा जा रहा है. जो व्यक्ति अपनी पत्नी, पत्नी की बहन, पत्नी के भाई और पत्नी की मां को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए चारों पर आरोप लगाए थे. निरीक्षक ने अपनी दोनों बेटियों को संपत्ति का आधा-आधा हिस्सा बांटने संबंधित बातें भी सुसाइड नोट में लिखी थीं. बेटियों के आईएएस अधिकारी बनने तक तेहरवीं नहीं करने का जिक्र भी सुसाइड नोट में किया था. निरीक्षक ने पत्नी द्वारा जमीन, पैसा, मकान इत्यादि के लिए परेशान करने संबंधित बातों का जिक्र किया था. अब इस इंस्पेक्टर को कमिश्नरी के एक थाने की कमान मिलाना कितना ठीक रहेगा ये बात कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ही जानती होंगी.
हालांकि इस फेरबदल में नोएडा में नेताजी भी चर्चा में बने हुए है जो लगातार ढिढोरा पीते जा रहे है की अमुक कोतवाल को कमिश्नर ने मेरी वजह से हटा दिया. कोतवाल तो हटे किसी वजह से हों लेकिन बात नेताजी के समर्थक और नेताजी पटे की कर रहे है आखिर एसएचओ हटे तो. नेताजी के रिश्तेदार ने शहर में खुलेआम गुंडागर्दी मचा रखी थी. कातिलाना हमले में मुकदमा दर्ज हुआ और रिश्तेदार जेल चला गया. उन्होंने खुद और उनके चाहने वालों ने रिश्तेदार को बचाने के लिए करीब 24 घंटे पुरजोर कोशिशें कीं लेकिन अंतत कामयाबी नहीं मिली.
बता दें की इस मामले में एसएचओ ने बखूबी अपना फर्ज निभाया था. लेकिन पुलिस कमिश्नर ने जो 5 एसएचओ हटाए तो उनमें इन्हें भी हटा दिया गया. अब क्या था नेताजी और उनके समर्थक पूरे जिले में घूम-घूम कर ढिढोरा पीट रहे हैं, देखा! हटवा कर ही दम लिया ना।
लेकिन देखना यह होगा कि अब आगे पुलिस कमिश्नर किस तरह एक बदले हुए नोएडा की तस्वीर प्रस्तुत करेंगी।