नोएडा पुलिस ने कॉल सेंटर के जरिए नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
नोएडा: धोखाधडी जैसी उक्त घटना को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल थाना सेक्टर 63 पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया तथा जांच शुरू करते हए प्रभारी निरीक्षक थाना सैक्टर 63, नोएडा के नेतृत्व में टीम गठित की गयी जिसके क्रम में मुकदमा उपरोक्त के विवेचक उप निरीक्षक जितेन्द्र बालियान द्वारा विवेचनात्मक कार्यवाही एवं साक्ष्य संकलन तथा मुकदमा उपरोक्त के वादी की सूचना पर उसके बताये गये स्थान बी-86 सैक्टर 60, नोएडा पर छापेमारी की गयी तो अन्दर बने अलग-अलग कैबिन में चार व्यक्ति बैठे मिले, जो डैस्कटॉप, मोबाईल फोन व वॉकी-टॉकी से काम कर रहे थे कि उनसे मुकदमा उक्त के वादी के साथ की गयी धोखाधडी के सम्बन्ध जानकारी की गयी तो उनके द्वारा धोखाधडी का किया जाना स्वीकार किया गया। कॉल सेंटर का सरगना आलोक उपरोक्त धोखाधडी के मामलें में पूर्व में भी थाना साइबर क्राइम चड़ीगढ से जेल जा चुका है।
अपराध करने का तरीका-
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि गैंग के सरगना आलोक ने एक विश्वविद्यालय से बीसीए की पढ़ाई की हुई है। जल्द रुपये कमाने के चक्कर में उसने फर्जी कॉल सेंटर खोला, जिसमें उसने अपने साथ कुछ साथियों को पैसे का लालच देकर काम करने के लिए रखा, जो बेरोजगार युवक-युवतियों को फोन करने के लिए जॉब पोर्टल से डाटा चोरी करके उनके बारें में जानकारी इकट्ठा करते थे। इसके बाद उनके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर उनके जॉब प्रोफाइल एवं शैक्षिक योग्यता के मुताबिक नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने का नाटक रचते थे। इसके बाद नौकरी पाने के इच्छुक युवक-युवतियों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1900/रुपये, प्रोसेसिंग फीस आ जाने के बाद वेरिफिकेशन और रिज्यूम अपडेट करने के नाम पर और रुपये अपने खाते में डलवा लेते थे तथा फर्जी नौकरी डॉट कॉम की रिसीप्ट तैयार कर बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी रिसीप्ट दे देते थें। यह लोग किसी को भी नौकरी नहीं देते थे।
ठगी का पैसा इन अभियुक्तगण द्वारा अपने संचालित फर्जी अकाउंट नंबरों में लिया जाता था। जो 27000/रूपये मिले हैं वह भी युवक-युवतियों के साथ की गयी ठगी का ही पैसा है। कॉल सेंटर के सरगना आलोक उपरोक्त द्वारा यह भी बताया गया कि अब तक वह अपने साथियों के साथ मिलकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 100-200 लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी कर चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग करीब 05 माह से फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर रहे थे। पुलिस की नजर में ये फर्जी नौकरी लगवाने वाला कॉल सेंटर न आए इसलिए ये लोग समय-समय पर अपना ऑफिस बदल लेते थे। इन लोगों ने इसके लिए एक दो स्थान भी बदला है। स्थानीय पुलिस अन्य माध्यम का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इनके द्वारा कितने लोगों के साथ ठगी की गयी है तथा कितनी जगह कॉल सेंटर संचालित किया गया है। इसी क्रम मेें अन्य जिलों में भी जालसाजों के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा रहा है।
शिक्षा के अनुसार तय था कम्पनी में नौकरी का रेट
कॉल सेंटर के सरगना आलोक उपरोक्त द्वारा बताया गया कि वह कॉल सेंटर पर बेरोजगारों युवक-युवतियों से उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार नामी कम्पनी मे नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ऐंठते थे, जिनका हजार रुपए से लेकर लाखों रुपए तक रेट तय कर रखा था। जैसी नौकरी वैसा ही रेट लेते थे।
पुलिस ने इस घटना में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से कॉल सेंटर में प्रयोग किये गये उपकरण एवं 27,000/रूपये नगद व के-10 ऑल्टो कार नं0 एचआर 26 सीटी 5537 सहित गिरफ्तार किया गया।