नोएडा पुलिस ने किया फर्जी काॅल सेन्टर का पर्दाफाश, मौके से 4 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार
(धीरेन्द्र अवाना)
नोएडा। अपराध पर अंकुश लगाने वाली नोएडा पुलिस को उस वक्त सफलता हाथ लगी जब पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठ़गी करने वाले फर्जी कॉल सेन्टर का किया पर्दाफाश और इस कार्य में लगे चार शातिर अभियुक्तों को गिराप्तार किया।आपको बता दे कि पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के निर्देश पर जिले के हर थाना क्षेत्रों में निरंतर अपराधियों की धड़ पकड़ की जा रही है।इसी क्रम में थाना प्रभारी सैक्टर-20 राजबीर सिंह के नेतृत्व में थाना पुलिस ने दिनांक 30.01.2020 को ऐसे चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जो लोगों को नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर एन्ट्री फीस के नाम पर ठ़गते थे उसके बाद उनके बैंक खातों की डिटेल प्राप्त करके धोखीधडी करके उनके पैसों को अपने पेटीएम खाते व अन्य ऑनलाइन खातों में रूपये ट्रांसफर करते थे। पैसे प्राप्त करने के पश्चात वे फोन उठाना बंद कर देते थे।
अभियुक्तों की पहचान विवेक जैन पुत्र उमेश चन्द जैन नि0 जी-3/169 सोनिया विहार दिल्ली,आयुष पुत्र रवीन्द्र सक्सैना नि0 जी-5/99 सोनिया विहार दिल्ली,आकाश तिवारी पुत्र काले प्रसाद तिवारी नि0 ग्राम धर्मपुर थाना वजीरगंज जिला गोण्डा (उ0प्र0) और अविनाश पाण्डेय पुत्र अनिल कुमार पाण्डेय नि0 ग्राम बिजौली झाँसी के रूप में हुयी है।जिनके कब्जे से दो लैपटॉप,10 मोबाईल फोन और 28 हजार रूपये नकद बरामद हुये।
अभियुक्तों ने पुछताछ में बताया कि हम लोग लगभग दो से ढाई हजार लोगों से करीब 30 लाख रूपये की धोखाधडी की गयी है।जिसके सम्बन्ध में पुलिस उनके पेटीएम,फोन पे व अन्य ऑनलाइन खातों की विस्तृत जानकारी की जा रही है।पुलिस उपायुक्त(जोन प्रथम) संकल्प शर्मा ने बताया कि बृहस्पतिवार रात को थाना सैक्टर-20 पुलिस को सूचना मिली कि सैक्टर-15 के एक फ्लैट में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है,जो बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगता है।
सूचना के आधार पर पुलिस ने वहां पर छापा मारा और विवेक जैन,आयुष,आकाश तिवारी तथा अविनाश पांडे नाम के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिनके पास से पुलिस ने दो लैपटॉप और 28 हजार रुपये नकद जब्त किए। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने माना कि वे नौकरी लगाने वाली वेबसाइटों से बेरोजगार युवकों के आंकड़े जुटाते थे और बेरोजगार युवकों से ऑनलाइन 20 रुपये जमा करके आवेदन करने के लिए कहा जाता था।इसके बाद ये उनके बैंक खाते की जानकारी और ओटीपी हासिल करके ठगी करते थे।पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि इन लोगों ने एक हजार से ज्यादा बेरोजगार युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है।