नोएडा के बदहाल पटरी दुकानदार गुस्से में, रविंद्र साह बोले- ड्रा को रद्द करें प्राधिकरण

रविंद्र साह का आरोप है कि प्राधिकरण के अधिकारी मनमानी करते है उनके मुताबिक यह बहुत दुखद है

Update: 2021-06-27 09:50 GMT

नोएडा। नोएडा में रेहड़ी पटरी-खोखा ठेला वाले परेशान हैं। वे वर्षो से नोएडा में छोटे-मोटे रोजगार के जरिए अपने और अपने परिवार का भरण - पोषण करने आ रहे थे, लेकिन कोरोना और लाकडाउन के कारण उनकी कमर टूट गई है, वे अब फिर से अपनी पुरानी जगहों पर वर्षों से कर रहे रोजगार को संवारने में जुटे थे कि नोएडा विकास प्रधिकरण इनको विस्थापित करने पर अड़ गया है। हालात से तबाह रेहड़ी,पटरी, खोखा,ठेला वाले अनिश्चितता के बादल में घिर गए हैं। वे अपनी स्थापना के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं और उनका रोजगार भी ऐसा नही हैं कि वे काम धंधा छोड़कर लंबे समय तक कोई प्रदर्शन या हड़ताल कर सकें। वे पूरी तरह से अहिंसात्मक रुप से नोएडा विकास प्रधिकरण से सदैव के लिए मुकम्मल व्यवस्था की मांग कर रहे है।

रेहड़ी, पडरी, खोखा, ठेली सेवा संस्थान के जिला सचिव रविंद्र साह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारीयों ने जो ड्रा किया है उसे पूरी तरह से रद्द किया जाए।

रविंद्र साह का कहना है कि इस ड्रा के कारण रेहड़ी,पटरी,खोखा और ठेली वालों के बीच अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है, उन्हे लगता है कि उन्हे जल्द उजाड़ दिया जाएगा। उनका आरोप है कि ड्रा का फैसला अवैध है इसे नियमित वैडिंग जोन कमेठी के सदस्यों से बगैर रायशुमारी के किया गया है।

उन्होंने मांग की है कि नोएडा में जिन पटरी के दुकानदारों का पंजीकरण नही हुआ है उनका जल्द सर्वे कराकर उन्हे उसी स्थान पर अपना रोजगार करने की मंजूरी दी जाए। और अधिकारीयों और पुलिस को निर्देशित किया जाए कि वे इन छोटे-मोटे रोजगार करने वाले निम्न वर्ग वालों को किसी भी तरह से परेशान नही किया जाए।

जब से नोएडा बना है तब से ही बहुत से लोग नोएडा में पटरी पर दुकाने लगाकर अपने और परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे है। यूपी सरकार की ओर से राज्य में इस वर्ग की भलाई के लिए ऩगर निगमों,नगर पालिकाओं और प्राधिकरणों में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है। जिसमें पटरी के दुकानदोरों का नेत्रित्व करने वाले लोगों से प्रतिनिधित्व दिया जाए, साथ ही समिति की बैठक कर पटरी के दुकानदारों की समस्याओं का जल्द निराकरण किया जाए।

लेकिन अफसोस है कि इस कमेटी को ऩजरअंदाज किया जा रहा है। नोएडा विकास प्राधिकरण ने पटरी के दुकानदारों के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया है एक बार कमेटी गठित की गई थी लेकिन उस कमेटी का बहुत विरोध हुआ तो प्रधिकरण ने उस कमेटी को भंग कर दिया, इसके बाद फिर से कोई कमेटी गठित नही की गई है। इस कारण नोएडा विकास प्राधिकरण में इनके हित में फैसले नही होते।

रविंद्र साह का आरोप है कि प्राधिकरण के अधिकारी मनमानी करते है उनके मुताबिक यह बहुत दुखद है कि आज तक नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा नोएडा में पटरी पर दुकान लगाने वाले छोट-मोटे दुकानदारों को पूरी तरह से सर्वे नहीं किया गया है, साथ ही साह का ये भी कहना है कि अवैध तरीके से दुकानदारों का पंजियन किया जाता है। इसका एक उदाहरण यह है कि अभी 15 जून 2021 को पटरी के दुकानदारों का ड्रा में उन दुकानदोरों को शामिल किया गया है जो दुकान नही लगाते या नोएडा के बाहर दिल्ली में दुकान लगाते है।

पटरी दुकानदार कहते है कि लाकडाउन में इनकी हालत बहुत खराब हो गई है। सरकारी योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नही मिला, लाकडाउन के दौरान न अनाज मिला और ना ही हाल में घोषित एक हजार रुपये भी मिला। भले ही कुछ रेहड़ी पटरी वाले को स्वनिधि योजना के तहत कर्ज दिया गया लेकिन वे भी उसे अदा नही कर पा रहे हैं। यह हैरानी की बात है कि स्वनिधि योजना के लाभार्थी पटरी वालों की रक्षा कि जा रही हैं। और जिन्होंने कर्ज नहीं लिया वैसे दुकानदारों को कोई लाभ नही दिया जा रहा है।

दुकानदोरों की मांग है कि जबतक नोएडा विकास प्रधिकरण और वैंडिंग कमेटी के सदस्यों द्वारा नोएडा क्षेत्र के सभी पटरी दुकानदोरों का सर्वे कर उन्हें पूरी तरह से स्थाई नहीं किया जाता है, तबतक किसी भी पटरी के दुकानदार को बेरोजगार नहीं किया जाए। उन्हें अपनी दुकान लगाकर आजिविका चलाने दिया जाए और जिन अधिकारीयों ने अवैध कार्य किए है इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।

प्रसून लतांत


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