बोड़ाकी गांव में धरना पर बैठे प्रभावित किसान राजेश भाटी का आज निधन हो गया है। राजेश भाटी का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है। राजेश भाटी को सोमवार की सुबह करीब 4 बजे हार्ट अटैक आया था। राजेश भाटी डीएफसीसी की ईस्टर्न, वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना और डीएमआइसी परियोजना से प्रभावित किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत लाभ दिलाने के लिए 211 दिनों से धरना दे रहे थे।
अपनी मांगो को लेकर कर रहे है धरना
किसान अधिकार युवा रोजगार आंदोलन के आह्वान पर "जय जवान जय किसान मोर्चा" व सहयोगी संगठन डीएफसीसी और डीएमआइसी परियोजना से प्रभावित किसानों की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। इस मांग को लेकर ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी गांव में पिछले 211 दिन से और पल्ला गांव में 50 दिन से धरना चल रहा हैं। किसानों की मांग है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार तहत मुआवजा दिया जाए। किसानों की मांग 4 गुना बढ़ा हुआ मुआवजा, 20 प्रतिशत प्लॉट, युवाओं को रोजगार, भूमिहीनों को पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन है।
किसान नेता सुनील फोजी एडवोकेट ने बताया कि पीड़ित किसान और महिलाएं पल्ला गांव में चल रहे धरना स्थल पर पिछले 9 दिन से क्रमिक अनशन पर भी बैठे हुए हैं। जहां 30 जनवरी को हुई किसान महापंचायत में एक सप्ताह में मांगें पूरी ना किए जाने पर व्यापक विरोध प्रर्दशन किए जाने का निर्णय भी लिया जा चुका है, लेकिन शासन-प्रशाशन द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही है। शासन-प्रशासन द्वारा बार-बार मकानों को तोड़ दिए जाने की धमकी दिए जा रही है।