नियमों को ताक पर रख कर झुग्गी झोपड़ी सेवा उत्थान समिति ने करवाया फर्जी आवेदन

वही जब इस संम्बध में ओएसडी कुमार संजय से बात हुये तो उन्होंनें कहा कि इस मामले में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कारवाई की जायेगी।

Update: 2021-02-25 03:52 GMT

(1)योजना के पात्र आवेदको को करीब नौ साल बाद भी नही मिल पाया मकान

(2)करीब दस मरे हुये व्यक्तियों के नाम फर्जी आवेदन कराया

(3)उदय सिंह ने नियमों को ढ़ेगा दिखाते हुये अपना,अपने भाई और अपनी लड़की का फर्जी आवेदन कराया

(धीरेन्द्र अवाना)

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण द्वारा झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए निकाली गयी पुनर्वास योजना के तहत गरीब झुग्गी वालों को फ्लेट आवंटित करना था।आज करीब नौ साल बाद भी योजना के पात्र आवेदको को मकान नही मिल पाया है।मकान मिलने से पहले ही योजना के पात्र आवेदको के ऊपर उठना शुरु हो गया है।

आपको बता दे कि नोएडा प्रधिकरण द्वारा 2011-2012 में 3200 फ्लेट्स की एक स्कीम निकाली गयी थी।सपा सरकार में निकली इस स्कीम में सत्तापक्ष के कुछ नेताओं ने नोएडा प्रधिकरण के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी आवेदन कराकर करोडों रुपये का घोटाला किया।ये आरोप लगाया है नोएडा के सैक्टर-9 के समस्त झुग्गी वासियो ने।झुग्गी वासियो का आरोप है कि समाजवार्दी पार्टी में नगर उपाध्यक्ष रहे उदय सिंह ने झुग्गी झोपड़ी सेवा उत्थान समिति बनाकर ये सब खेल किया।

समिति के अध्यक्ष उदय सिंह ने अपने कुछ साथी इंद्र बहादुर,अर्जुन साहू,सुदामा गुप्ता व अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर समाजवादी सरकार में प्रधिकरण के कर्मचारियों के साथ मिली भगत करके फर्जी आवेदन करवा कर लोगों से मोटी रकम ऐठी।मुख्यमंत्री को दिये शिकायत पत्र में उन्होंने झुग्गी झोपड़ी सेवा उत्थान समिति के अध्यक्ष व उनके पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।पत्र में लिखा है कि संस्था ने धमैन्द्र पुत्र राधेश्याम के नाम से दो फर्जी आवेदन करवाये है।और तो और इन लोगों ने मरे हुये व्यक्ति भगीरथ,हरद्वारी,देवन मंडल,सुनील,किशनलाल,उमेश आदि का नाम का फर्जी आवेदन भी करवाया।इन लोगों ने गुमराह करने के लिए फर्जी आवेदन करते वक्त किसी अन्य व्यक्ति का फोटो उस पर लगा दिया था।

बात करे संस्था के अध्यक्ष उदय सिंह की तो नियमों की अवहेलना करते हुये इन्होंनें इस योजना के लिए आवेदन किया जबकि नियम ये है कि जिसके पास मकान है वो इस योजना के लिए पात्र नही है।बता दे कि उदय सिंह के पास नोएडा के एक पॉश सैक्टर में मकान है फिर की उनके नाम से एक फ्लेट आवाटिंत है।हद तो तब हो जाती है जब उदय सिंह अपने भाई राजेन्द्र और अपनी लड़की हेमलता का भी फर्जी आवेदन करवा देता है।

जब अध्यक्ष ही ऐसे है तो उनके पदधिकारी कैसे पीछे रह जाते।इसी क्रम में संस्था के पदधिकारी सुदामा ने भी अपने भाई त्रिलोकी प्रसाद को लाभ पहुचाने के चक्कर में उनके नाम एक फर्जी आवेदन करवाया है।विवाद से बचने के लिए या यू कहे कि कारवाई से बचने के लिए उदय सिंह ने अपनी संस्था को भंग कर दिया।अब देखना ये होगा कि गरीबों के नाम पर धन बतोरने वाले लोगों के खिलाफ क्या कारवाई होती है।

वही जब इस संम्बध में ओएसडी कुमार संजय से बात हुये तो उन्होंनें कहा कि इस मामले में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कारवाई की जायेगी।

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