नोएडा : वैभव कृष्ण ने देर रात संभाला जिले का चार्ज, कहा- 'क्राइम कंट्रोल पहली प्राथमिकता'

पदभार ग्रहण करने के साथ एसएसपी वैभव कृष्ण ने क्राइम कंट्रोल को पहली प्राथमिकता बताया।

Update: 2019-01-10 19:00 GMT
नोएडा एसएसपी का पदभार संभालते वैभव कृष्ण
नोएडा : गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के नए एसएसपी वैभव कृष्ण ने गुरूवार देर रात को पदभार ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करने के साथ एसएसपी ने क्राइम कंट्रोल को पहली प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध नगर एसएसपी के रूप में काम करना बड़ी चुनौती है। लोगों की अपेक्षाएं हैं। हमारी कोशिश है कि मिलकर चुनौतियों का सामना करें जैसा पहले होता रहा है।

अपराध के संबंध में 2010 बैच के आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण ने कहा कि हमलोगों की कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द घटनाओं का घटनाबार रिब्यू किया जाए। अगर घटनाओं के तार आपस में जुड़ते हैं तो उन बिंदुओं को भी देखते हुए जो भी अपराधी हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनके बारे में कहा जाता है कि अपनी ईमानदारी के चलते अब तक उनका यह बीसवां तबादला है। किसी भी दबाब में न आकर ईमानदारी से जनता को न्याय दिलाना ही उनकी प्राथमिकता रहती है। 

वैभव कृष्ण अब तक गाजीपुर से लेकर एटा, इटावा और गाजियाबाद जैसे संवेदनशील जिलों में भी अपनी ईमानदार और हर आदमी को न्याय दिलाने की हेकड़ी से जिला चलाते आये है। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी ईमानदार छवि को देखते हुए उनको प्रदेश के महत्त्वपूर्ण जिले गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) की जिम्मेदारी सौंपी है।

डायल 100 पर ऑन द स्पॉट एफआईआर की शुरुआत की

इससे पहले गाजियाबाद में कई बड़ी घटनाओं का उनके कार्यकाल में खुलासा हुआ और शातिर अपराधी जेल गए। इसके बाद न केवल उन्होंने थानों में दलालों के प्रवेश पर रोक लगाने की थानेदारों को सख्त हिदायत दी बल्कि एफआईआर दर्ज न होने की शिकायतों को दूर करने के लिए ऑन द स्पॉट एफआईआर दर्ज करने की शुरुआत की। इसका नाम उन्होंने डायल एफआईआर दिया। इसके तहत यदि किसी के साथ कोई वारदात होती है तो पुलिस मौके पर जाकर एफआईआर दर्ज करेगी। अपनी तरह की पहली शुरुआत कर वह प्रदेश भर में चर्चाओं में आ गए थे। जिससे आम पीड़ित रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भटकता नजर नहीं आया। उनकी इस बात को पुलिस महानिदेशक ने भी सही माना था। इसके बाद उन्होंने वादी दिवस, परी दिवस, ऑपरेशन चक्रव्यूह, ऑपरेशन आल आउट समेत कई कार्यक्रम चलाये जिनके अच्छे परिणाम आये। गाजियाबाद में उनको लेकर जनता आज भी याद करती है।


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