आम्रपाली केस में SC का फैसला- होम बायर्स को बकाया लोन दें बैंक, पूरे किए जाएं अधूरे प्रोजेक्ट
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में ये भी कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों की स्थिति जस की तस है क्योंकि प्रोजेक्ट के अधूरे पड़े काम में कोई प्रगति नहीं हुई है.
नई दिल्ली : आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने एफएआर यानी फ्लोए एरिया रेशियो को लेकर निर्देश जारी किए. इसके साथ ही कोर्ट ने बैंक और घर खरीदारों के लिए निर्देश जारी किए हैं. घर खरीदारों के होम लोन पर ब्याज की दर को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया.
'अधूरे पड़ें हैं प्रोजेक्ट के काम'
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में ये भी कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों की स्थिति जस की तस है क्योंकि प्रोजेक्ट के अधूरे पड़े काम में कोई प्रगति नहीं हुई है. कोर्ट ने ऑथोरिटीज से पूछा है कि वो बैंकों और वित्तीय सहायता देने को राजी अन्य संस्थानों को ये तो बता दें कि उनको काम पूरा करने को एक बार मे कितनी धनराशि की जरूरत है.
सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आम्रपाली होम बायर्स को दिए गए लोन को रिकंस्ट्रक्ट करने और शेष राशि को जारी करने का निर्देश दिया जो अब तक जारी नहीं की गई है. कोर्ट ने कहा कि इस राशि का उपयोग निर्माण पूरा करने के लिए किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को निर्देश दिया कि बैंकों को उनके खाते को NPA होने के बावजूद होम बायर्स को स्वीकृत लोन जारी करने की अनुमति दी जाए.
रियल बिल्डरों और रियल एस्टेट क्षेत्र को राहत
रियल बिल्डरों और रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण बिल्डर से भुगतान में ब्याज के लिए अत्यधिक ब्याज दर नहीं ले सकता. ये ब्याज दर आठ प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है. कोर्ट ने रिसीवर के माध्यम से शेष एफएआर की बिक्री की अनुमति दी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ एफएआर 2.75 पर होगा न कि 3.5 पर. अगर एफएआर में कोई वृद्धि होती है, तो यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों द्वारा तय किया जाएगा.