एक सप्ताह और बढ़ा "पुरुष नसबंदी पखवाड़ा", चार पुरुषों ने स्वेच्छा से अपनाई नसबंदी
यह जानकारी परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने दी।
नोएडा (धीरेन्द्र अवाना) : जनपद में "पुरुष नसबंदी पखवाड़ा" अब 11 दिसम्बर तक मनाया जाएगा। इसका समापन चार दिसम्बर को होना था, लेकिन शासन के निर्देश पर इसका समय एक सप्ताह और बढ़ा दिया गया है। "पुरुष नसबंदी पखवाड़ा" का उद्देश्य परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाना है। यह जानकारी परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने दी।
डा. भारत भूषण ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार "पुरुष नसबंदी पखवाड़ा" का समापन चार दिसम्बर को होना था, लेकिन शासन के निर्देश पर इसे 11 दिसम्बर तक बढ़ा दिया गया है। "पुरुष नसबंदी पखवाड़ा" में जनपद के हर स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। आशा-एएनएम घर-घर जाकर इस बारे में जानकारी दे रही हैं और परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इस पखवाड़ा में चार पुरुष स्वेच्छा से नसबंदी अपना चुके हैं। इसके अलावा इस दौरान 44 महिलाओं ने स्वयं आगे आकर परिवार नियोजन के स्थाई साधन नसबंदी को अपनाया है।
डा. भारत भूषण ने कहा - पुरुषों को लगता है कि नसबंदी कराने से कमजोरी आती है, लेकिन यह एकदम निराधार बात है। नसबंदी कराने के बाद पुरुष में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती। पुरुष नसबंदी स्थाई परिवार नियोजन का एकदम सुरक्षित और कारगर उपाय है। यह मामूली सी शल्य क्रिया है और महिला नसबंदी के मुकाबले आसान भी है। इसलिए पुरुषों को भी परिवार नियोजन में बराबर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया - पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में जहां चार पुरुषों ने नसबंदी अपनाई है वहीं साल भर में (अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक) 13 पुरुष स्वेच्छा से नसबंदी करा चुके हैं। इस तरह जनपद में इस साल 17 पुरुष नसबंदी हो चुकी हैं। परिवार नियोजन में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा है। पखवाड़ा के दौरान अब तक 78 महिलाओं ने नसबंदी को अपनाया है।
वहीं साल भर में 1233 महिलाओं ने नसबंदी पर भरोसा जताया है। 4176 महिलाओं ने इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), 1958 ने पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), 3636 महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा अपनाया है। इसमें 2116 महिलाओं ने अंतरा की प्रथम डोज, 853 ने दूसरी, 426 ने तीसरी और 241 ने चौथी डोज ली है। 305823 कंडोम वितरित किये गये। 6648 महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स (ईसीपी) इस्तेमाल की।