नोएडा। जिला गौतमबुद्धनगर के, थाना सेक्टर-71 क्षेत्रान्तर्गत जी-150 सेक्टर -63 की निर्माणाधीन इन्डस्ट्री में, बिना सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट एव बिना किसी सुरक्षा कवच के दीवारों पर रंग रोगन इत्यादि कार्य हेतु, चढ़ाकर आत्महत्या करने पर रहीसजादो द्वारा विवश करने का दृश्य सामने आया है किन्तु, कितनी मजेदार बात है कि, इंडस्ट्री के सामने से महँगी एव लक्ज़री गाड़ियों से गुजरते प्रशासनिक अधिकारियों की नजर शायद ही इन गरीब मजदूरों पर पड़ी हो।
वैसे भी हमारे देश में, जिन्दगी के जोखिम एव सावधानी तो आर्थिक एव राजनीतिक रूप से सम्पन्न वर्ग लिए बने हैं, मजदूर वर्ग की अकाल मौत राजनीति का एक मात्र साधन है, इस साधन को दुर्घटना से पहले रोकना राजनीतिक सेहत के लिये ठीक नहीं है। रही बात प्रशासनिक अधिकारियों एव पुलिस कर्मियों की तो सब की सब, स्वयं को लोकसेवक बताने में शर्मिंदा एव सरकारी नौकर कहलाने में गौरवान्वित महसूस करते हों, उनकी दृष्टि भला किसी गरीब मजदूर की बेबसी कैसे देख सकती है?
वैसे, एक पत्रकार होने के नाते, सिर्फ एक सवाल, क्या सचमुच देश भर में मजदूरों के जान की कोई कीमत है या फिर, सचमुच देश भर के मजदूर एक एक करके इसी तरह से ऊँची निर्माणाधीन इमारतों में बिना सुरक्षा बेल्ट के लटका-लटका कर मार दिए जाएँगे? वैसे ये भी ठीक है कम से कम मजदूरों को बे-मौत मारकर ही सही, लेकिन सरकार का गरीबी हटाओ उन्मूलन तो सफल हो जायेगा।
डॉ0वी0के0सिंह (वरिष्ठ पत्रकार)