बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने संविदा की नौकरी को बताया गुलामी, बोले- न्याय दिलाने को लड़ेंगेपूरी ताकत से लड़ाई
संविदा कर्मी की नौकरी कोई नौकरी नहीं, बल्कि एक गुलामी बन गई है. वह न्याय दिलाने के लिए हर मंच से संविदा कर्मियों की लड़ाई लड़ेंगे.
उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को संसदीय क्षेत्र के पूरनपुर ब्लॉक में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में संविदा कर्मियों के हक की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया. सांसद ने कहा कि राजनीति में स्वच्छता और ईमानदारी बहुत जरूरी है.
वरुण गांधी ने कहा कि राजनीति इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि हम उन लोगों की आवाज उठाएं, जो स्वयं अपनी आवाज नहीं उठा पाते. वरुण गांधी ने ऐसे लोगों की आवाज बनने के लिए सियासत में आने की बात कही. बोले संकल्प लिया है कि जब तक वह राजनीति में हैं समाज के कमजोर लोगों की आवाज बनते रहेंगे.
सांसद ने कोरोना के समय का जिक्र कर कहा कि उस दौरान संविदा कर्मियों को सम्मान देने की बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं लेकिन आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों आदि सभी संविदा कर्मियों से मानदेय और स्थायीकरण को लेकर किए गए वायदे भुला दिए गए. संविदा कर्मी की नौकरी कोई नौकरी नहीं, बल्कि एक गुलामी बन गई है. वह न्याय दिलाने के लिए हर मंच से संविदा कर्मियों की लड़ाई लड़ेंगे.
वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र की बीसलपुर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित कोयला डिपो को हटाए जाने की मांग रखी थी. बीजेपी सांसद ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे अपने पत्र में कहा था कि, "मेरे संसदीय क्षेत्र जनपद पीलीभीत के मोहल्ला हबिबुल्लाह खां, गांधी नगर कॉलोनी बीसलपुर में कॉलोनी के पास ही रेलवे स्टेशन स्थित है.
उन्होंने कहा कि यहां पर कोयला उतार का कार्य हो रहा है. जिससे की कोयले की धूल हवा में उड़ कर लोगों के घरों में जा रही है. घरों की छत काली होने के साथ ही मोहल्ले के बुजुर्ग व बच्चे अस्थमा जैसी गंभीर का शिकार हो रहे हैं. मेरा आपसे आग्रह है कि उपरोक्त समस्या को गंभीरता पूर्वक देखते हुए कोयले उतार का कार्य बंद करवाने हेतु संबंधित को निदेशित करने का कष्ट करें."