किस तरह यूपी के पीलीभीत में होती शवों की दुर्दशा, जानकर उड़ गये होश

यह घटना केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी के लोकसभा क्षेत्र की है.

Update: 2017-11-07 11:21 GMT
पीलीभीत से बेहद शर्मनाक घटना की खबर आ रही है। लेकिन यह घटना एक वार नहीं घटी है। यह घटना वार-वार घटती है सबके सामने, कई जिम्मेदार अधिकारियों के रहते, किसी को उससे कोई सरोकार नहीं है। पीलीभीत के पोस्टमार्टम हाउस से आ रही यह तस्वीरें शवों की दुर्दसा दिख रहीं हैं ।
दरअसल हम आपको कुछ दर्दनाक तस्वीरें दिखाना जरूरी समझते हैं। यह तस्वीरें पीलीभीत के पोस्टमार्टम हाउस की हैं। जहाँ एक मृतक छात्र का पोस्टमार्टम होना है। शव को पोस्टमार्टम हाउस की टेबल तक ले जाया जा रहा है। लेकिन वहाँ तक ले जाने के लिए कोई साधन नहीं है।       
     
लिहाजा शव को उसके चाचा-ताऊ और पोस्टमार्टम हाउस का एक मात्र कर्मचारी ले जाने की नाकाम कोशिश करते हैं। शव को जिस कपड़े में सील किया गया है उसमें पकड़ने का तरीका बनता ही नहीं है। शव हाथों से छूटने लगता है और अंत मे जमीन पर गिरने लगता है। शव जमीन पर आ जाता है । परिजन छात्र के शव के इस तरह ले जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हैं। ट्रॉली लाने को कहते हैं । लेकिन ट्रॉली नहीं है। तभी पोस्टमार्टम हाउस का कर्मचारी एक तरकीब लगाता है।   
   
लकड़ी की एक टहनी लाता है उसमें शव को फंसाकर शव को पोस्टमार्टम टेबल तक ले जाया जाता है। शवों के अपमान और दुर्गति की इतनी ही तस्वीरें नहीं हैं। मजबूरन हमें आपको और तस्वीरें दिखनीं पड़ रही हैं क्योंकि हम सच सामने लाना चाहते हैं।  
बात यह है कि शव घंटों, कई वार 15-15 घंटे तक इन चबूतरों पर गंदगी में रखे रहते हैं। जिससे वह पोस्टमार्टम से पहले ही ज्यादा खराब होने लगते हैं। जिस जगह यह शव रखे जाते हैं वहाँ वेहद गंदगी हमनें देखी। शवों पर मख्खियां भिनभिना रहीं थीं।
 जब पोस्टमार्टम करने डॉक्टर पहुंचते हैं तो मृतक के परिजन शवों को ऐसे ही शर्मनाक तरीके से इन चबूतरों से उठाकर पोस्टमार्टम टेबल तक ले जाने को मजबूर हो जाते हैं।
फैसल मलिक की रिपोर्ट 
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