प्रतापगढ़/लखनऊ : रिहाई मंच ने प्रतापगढ़ में राबिया के परिजनों से मुलाक़ात की। गौरतलब है कि 7 फरवरी को प्रतापगढ़ जिले के कोतवाली नगर थाने क्षेत्र के टेउंगा गांव की रहने वाली राबिया के साथ सामूहिक बलात्कार करके अपराधियों ने उनका हाथ -पैर भी तोड़ डाला। 7 फरवरी को देर रात इलाहाबाद में राबिया की मौत हो गयी।
रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल मृतक राबिया के गांव टेउंगा थाना कोतवाली नगर का दौरा किया। मंच ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। मंच ने कहा कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद महिलाओं के ऊपर हिंसा बढ़ी है। मंच ने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद दलितों -पिछड़ों, मुसलमानों और महिलाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। स्थितियां बेहद खतरनाक हो गयी हैं।
जारी प्रेस नोट में रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रतापगढ़ में राबिया प्रकरण से मानवता शर्मसार है। योगीराज में महिलाओं के प्रति हिंसा लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मृतक पीड़िता के परिजनों से विपक्ष के भी किसी नेता ने मिलकर संवेदना तक नहीं व्यक्त की। यह सपा-बसपा के साम्प्रदायिक जेहनियत उदाहरण है कि निर्भया कांड जैसे अमानवीय घटना को उत्तर प्रदेश का विपक्ष गम्भीरता से नही लेता है।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी घटनास्थल से महज 3-4 किलोमीटर पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के आवास हैं लेकिन ना ही तो प्रतापगढ़ के डीएम आये ना ही पुलिस कप्तान।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राबिया के हत्यारोपी मगन सरोज जोकि नगरपालिका का कर्मचारी है और भाजपा के नगरपालिका अध्यक्ष हरिप्रताप सिंह के संरक्षण में हैं इसलिए पुलिस दोषियों को गिरफ्तार नही कर रही है। उन्होंने मांग की दोषी पप्पू पासी , मदन सरोज और नगेन्द्र पासी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने मांग की कि राबिया के बेटे अरमान को प्रशासन तत्काल नौकरी दी जाए और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की जाए।
प्रतिनिधि मंडल में लक्ष्मण प्रसाद,परवेज़ सिद्दीकी, हरेराम मिश्रा, राजीव यादव ,अनिल यादव शामिल थे, स्थानीय राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं में शम्स तबरेज, अब्दुल माज़िद,इसरार अहमद, जफरुल हसन,सद्दाम,शम्स परवेज़ आदि उपस्थित थे।