Imran Masood will meet Mayawati: इमरान मसूद की मायावती से हुई मुलाकात, हाथी पर हुए सवार

Update: 2022-10-19 05:42 GMT

Imran Masood will meet Mayawati: पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अब एक बड़ी खबर या रही है जहां सहारनपुर के मुस्लिम नेता इमरान मसूद हाथी की सवारी की तैयारी में जुट गए है। मिली जानकारी के मुताबिक इमरान मसूद की मायावती से आज मुलाकात होगी उसके बाद आगे की रणनीत तय होगी। 

यूपी की राजनीति से बड़ी ख़बर यह है कि सपा के बड़े नेता इमरान मसूद आज बसपा प्रमुख मायावती से लखनऊ में मुलाक़ात करेंगे। फिलहाल सपा से मोहभंग इमरान मसूद का हो चुका है। क्योंकि विधानसभा चुनाव 2022 में उन्होंने अखिलेश यादव से बातचीत करके ही सपा मे शामिल होने की बात कही। लेकिन सपा से न तो उन्हे विधानसभा की टिकिट मिली न ही उन्हे विधान परिषद भेजा गया। 

जबकि इमरान मसूद सहारनपुर में एक कद्दावर नेता माने जाते है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से उनका समीकरण गड़बड़ हो गया है। एक समय जब यूपी में कांग्रेस की सात सीटें आई थी तब अकेले उनकी दम पर दो सीटें कांग्रेस ने सहारनपुर जिले में जीती थी। 

पिछले चुनाव में उनका छोटा भाई गंगोह विधानसभा सीट से बसपा से चुनाव लड़ा था जहां हार गया। हालांकि चर्चा है अब उनके बसपा में जाने से एक बार फिर से बसपा ताकतवर होगी जबकि सपा कमजोर होगी क्योंकि काजी परिवार का सहारनपुर में अपना दबदबा रहा है। 

नगर निगम और नगर निकाय चुनाव से पहले सहारनपुर के सियासी माहौल में एक बार फिर बदलाव की हवा चलने लगी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर सपा में शामिल हुए इमरान मसूद पार्टी में खुद को अलग-थलग मान रहे थे। जिस कारण उन्होंने सपा को छोड़कर दूसरा ठिकाना तलाश करना शुरू कर दिया था। इसकी चर्चाएं भी काफी समय से राजनीतिक हलकों में थीं। लेकिन, अब इन सभी चर्चाओं पर विराम लगने वाला है। इमरान मसूद ने एक बार फिर से पाला बदलने की सभी तैयारी पूरी कर ली। वह अब अपने समर्थकों के साथ बसपा में शामिल हो रहे हैं। बुधवार को ही लखनऊ में उनके बसपा में शामिल होने की घोषणा भी हो सकती है। 

बसपा जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने बताया कि इमरान मसूद के बसपा में शामिल हो रहे हैं। लखनऊ में वह पार्टी में शामिल होने की घोषणा करेंगे।

बदलेंगे सियासी समीकरण

विधानसभा चुनाव से पहले इमरान मसूद कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। उस समय उनके पार्टी छोड़ने को लेकर जमकर राजनीति हुई थी। वहीं जिले के सियासी समीकरण भी बदल गए थे। जिस कारण बसपा को अपने ही गढ़ में खाली हाथ होना पड़ा था। वहीं, अब इमरान मसूद के बाद बसपा में शामिल होने के बाद सियासी समीकरण एक बार फिर से बदलेंगे। बसपा दलित-मुस्लिम गठजोड़ को लेकर चुनाव में ताल ठोकेगी। वहीं सपा और भाजपा को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।

Samajwadi PartyAkhilesh Yadav

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