देवबंद से गठबंधन की साझा रैली LIVE : बीजेपी को हराना है तो वोट न बांटे मुस्लिम समाज : मायावती
इस रैली के लिए जरिए सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन का मकसद जहां अपनी एकजुटता दर्शाना है, वहीं पश्चिम यूपी में गठबंधन के लिए सबसे बड़े निर्णायक वोट बैंक दलित, मुस्लिम और जाटों को भी एक साथ लाना है।
सहारनपुर : मायावती, अखिलेश यादव और अजित सिंह ने महागठबंधन की पहली साझा रैली के लिए दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक सेंटर में शुमार देवबंद को चुना है, जो चुनावी लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस रैली के लिए जरिए सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन का मकसद जहां अपनी एकजुटता दर्शाना है, वहीं पश्चिम यूपी में गठबंधन के लिए सबसे बड़े निर्णायक वोट बैंक दलित, मुस्लिम और जाटों को भी एक साथ लाना है।
मायावती नेक्या कहा?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने रैली को सबसे पहले संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सपा-बसपा व आरएलडी गठबंधन की पहली संयुक्त रैली में गठबंधन नेताओं को सुनने आए लाखों की संख्या में लोगों का मैं स्वागत करती हूं.
आज की भीड़ की जानकारी जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी को मिलेगी तो वह इस गठबंधन से घबराकर जरूर पगला जाएंगे. कभी भी वो गठबंधन के बारे में शराब के साथ-साथ और भी न जाने क्या क्या बोलने लग जाएंगे. अब इनकी इस घबराहट से आपको ये जरूर मानकर चलना चाहिए कि इस चुनाव में और खासकर यूपी से बीजेपी जा रही है और गठबंधन आ रहा है.
मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियों के हवा-हवाई चुनावी वादों के बहकावे में नहीं आना है. चुनाव खत्म होने के बाद अपने वादों को ये पार्टियां दरकिनार कर देती हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश में पिछले चुनाव में देश की जनता को अच्छे दिन दिखाने के जो प्रलोभन भरे वादे किए थे, कांग्रेस सरकार की तरह ही खोखले साबित हुए हैं. गरीबों को 15-20 लाख व सबका साथ
सबका विकास भी जुमला बन कर रह गया है. मायावती ने कहा कि अब कांग्रेस भी ऐसे वादे कर रही है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के मुखिया ने देश के अति गरीब लोगों के मतों को लुभाने के लिए हर महीने 6 हजार रुपये देने की जो बात कही है, उससे गरीबी का कोई स्थायी हल निकलने वाला नहीं है. अगर केंद्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिलता है तो हर महीने सरकारी व गैर-सरकार क्षेत्रों में स्थायी रोजगार देने की व्यवस्था करेगी.'
मायावती ने सहारनपुर लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां के मुसलमानों को मालूम है कि बसपा ने अपने मुस्लिम कैंडिडेट का टिकट बहुत पहले फाइनल कर दिया था. लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी को जिताने के लिए मुस्लिम उम्मीदवार उतारा. मायावती ने कहा कि कांग्रेस को पता है कि सहारनपुर में उसे कोई और वोट मिलने वाला नहीं है. इसलिए मैं कहना चाहती हूं कि मुस्लिम समाज को अपना वोट बांटना नहीं है, बल्कि गठबंधन उम्मीदवार को वोट देकर कामयाब बनाना है. उन्होंने कहा कि यहां बड़ी तादाद में बीएसपी का बेस वोट है और अब तो जाट भाई में साथ आ गए हैं, ऐसे में मैं मुस्लिम समाज को कहना चाहती हूं कि अगर बीजेपी को हराना है तो भावनाओं में बहकर वोट बांटना नहीं है.
देवबंद में बसपा मुखिया मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा राष्ट्रीय लोकदल के सुप्रीमो अजित सिंह चुनावी सभा करेंगे। पहले चरण के लिए गठबंधन के तीनों नेताओं की यही एकलौती रैली है। देवबंद में रैली सहारनपुर-मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे स्थित देवबंद में कासिमपुरा गांव के तिब्बियां कालेज के निकट मैदान में करीब बजे होगी।
पश्चिम उत्तर प्रदेश की पहले चरण की 8 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान होंगे। सहारनपुर, कैराना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर सीट है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन आठों सीटों को बीजेपी ने जीता था। लेकिन पिछले साल कैराना सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को मात खानी पड़ी थी और बसपा-सपा के समर्थन से आरएलडी ने जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी।