क्या ये इंसान नही कीड़े मकोड़े हैं? इनकी जान की कोई कीमत नही है..?
सारा दोष सिस्टम पर डाल दो, फिर सिस्टम किसका है? सिस्टम चलाने वाला कौन है..? अगर जनता की जरूरतें पूरे नही कर सकते तो थूकता हूँ ऐसे घिनौने सिस्टम पर।
ये नजारा शाहजहाँपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज का है। शाहजहाँपुर में भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायक, एक कैबिनेट मंत्री, एक सांसद के अलावा दो दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश में सरकार भी भाजपा की है। क्या कोई है जो इन जैसे मरीजों की सुध ले सके..?
क्या ये इंसान नही कीड़े मकोड़े हैं? इनकी जान की कोई कीमत नही है..? सारा दोष सिस्टम पर डाल दो, फिर सिस्टम किसका है? सिस्टम चलाने वाला कौन है..? अगर जनता की जरूरतें पूरे नही कर सकते तो थूकता हूँ ऐसे घिनौने सिस्टम पर।
जनता की मूलभूत सुविधाओं में एक चिकित्सा भी है, लेकिन यहां की चिकित्सा फेल है जनता के लिए अस्पतालों में न बेड है और न ऑक्सीजन है.. अगर है तो मौत जो इनका बेसब्री से इंतजार कर रही है। सिस्टम के पास अपनी नाकामी छुपाने के लिए फर्जी और दिखावी आंकड़े ही बचे हैं..!! बेशर्मो कब सुधरोगे..?