अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस: आओ ! जीवन को चहका दें, मन को महका दें...

Update: 2019-06-21 05:59 GMT


शामली: अष्टांग योग महान भारत वर्ष की प्राचीन परम्पराओं में से एक है। यम-नियम-आसन-प्राणायाम-प्रत्याहार-धारणा-ध्यान-समाधि इन आठों अंगों के संग समग्र रूप में योग मार्ग पर चल कर कोई भी मनुष्य न केवल स्वयं के जीवन को उत्साह, प्रेम व आनन्द से भर सकता है, बल्कि अपने साथ साथ दूसरे समस्त जीवों के जीवन को भी अर्थयुक्त बना सकता है।

प्रकृति में सदा ही विस्तार होता है; प्रकृति की मंशा हम सब का भी विस्तार करने की रहती है। हमारे मन-मस्तिष्क का विस्तार, हमारी सोच का विस्तार और हमारे प्राणों का विस्तार सभी समान रूप से आवश्यक है। इस विस्तार का चरम विन्दु "वसुधैव कुटुम्बकम्" व "सर्वे भवन्तु सुखिन:" की भावना को अक्षरश: अपने जीवन के शीशे में उतार लेना होगा। इसके लिए हमें सतत् प्रयत्नशील रहने की ज़रूरत है।

जीवन ऐसा हो जो शान्ति पैदा करे, सद्भाव पैदा करे, प्रेम पैदा करे, सहयोग पैदा करे और आनन्द पैदा करे। जहाँ आप हों वहाँ सकारात्मकता हो, लोग बरबस ही आप की ओर खिंचे चले आएँ।

आप में सकारात्मक सोच, परहित की सद्भावना व वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना रूपी चुम्बकत्व विकसित होना चाहिए। इन सब को हासिल करने के लिए अष्टांग योग एक सुलभ विधा है, सुगम पद्धति है। आओ योग को अपने जीवन के शीशे में उतार कर अपने जीवन को असीमित दिव्यताओं से भर लें; जीवन को चहका दें, मन को महका दें।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आप को शामली पुलिस की ओर से अनगिनत शुभकामनाएँ देते हुए यह सभी बात शामली के एसपी अजय कुमार पाण्डेय ने कही।

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