शामली पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पाण्डेय की सख्ती के चलते थाना झिंझाना में एक महिला (50 वर्ष) व उसकी बेटी (23 वर्ष) के डबल-मर्डर की बेहद उलझी हुई जटिल गुत्थी को सुलझाकर केस का सफल अनावरण किया गया और मुख्य अभियुक्त सहित कुल 2 शातिर अपराधियों की गिरफ़्तारी व मृतका बेटी के मोबाइल फ़ोन को बरामद किया गया.
एसपी अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि 2/3 जनवरी की रात क़रीब 1 बजे यह घटना हुई थी. अपराधियों ने हत्या करके दोनों लाशों को दो अलग-अलग बोरों में भरकर, सिर पर ढो कर, गन्ने के खेत में छुपाने का प्रयास किया था; किन्तु, रात के अंधेरे में कुछ लोगों के जागने की आहट पर ये उन लाशों को वहीं रास्ते पर ही फेंक कर भाग गये थे. शामली टीम को इस सराहनीय कार्य के लिए ₹ 20 000 का पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.
एसपी ने बताया कि मामला प्रेम प्रसंग का पाया गया. डॉ सुधीर नाम का व्यक्ति जोकि पशु डॉक्टर और ज़िला पंचायत सदस्य था, उसका संबंध मृतका से हो गया था. 5-6 साल तक संबंध बदस्तूर जारी रहे, और पिछले एक साल से जब मृतका के द्वारा शादी करने के लिए दबाव डाला जाने लगा और शादी ना करने पर ब्लैक मेल करने लगी तो उसकी हत्या का ताना बना बुन दिया गया. डॉ सुधीर ने बागपत निवासी अपने एक बेहद घनिष्ठ मित्र सुनील के साथ मिलकर माँ बेटी दोनों की हत्या कर डाली.
परन्तु, मामला पुलिस में आने पर तुरन्त शामली कप्तान अजय कुमार ने चार-चार टीमों को काम पर लगाया और पूरे इन्वेस्टीगेशन की कमान खुद ही थाम ली. 5 दिनों के भीतर ही इस ब्लाइण्ड डबल मर्डर का राजफास करके हत्यारों को बेनक़ाब कर जेल की सलाखों के पीछे पहुँचा दिया. इस मामले में पुलिस की कार्यशैली और तत्परता को लेकर पूरे शामली जनपद में चर्चा है; और सभी सम्भ्रान्त जनता ने पुलिस कप्तान अजय कुमार की कार्यशैली और नेतृत्व की भूरि भूरि प्रशंसा की है.
बता दें की शामली में तैनात आईपीएस अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय उलझे हुए केसों के माहिर खिलाडी रहे है. इन्हें इस तरह के आपराधिक केस खोलने की महारत हासिल है. इन्होने फिरोजाबाद में तैनाती के दौरान एक करोड़ों की फिरौती को लेकर हुए अपहरण को महज पांच घंटे में सकुशल बरामद कर प्रदेश में यूपी पुलिस का नाम रोशन किया था. तब तत्कालीन डीजीपी सुलखान सिंह ने इनको प्रशस्ति पत्र दिया था और एक कैविनेट मंत्री ने प्रोटोकाल तोड़कर धन्यवाद भी दिया था.