उत्तराखंड के पुरोला से अभी मामला ठंडा भी नहीं हुआ तब तक देहरादून से दूसरे मामले की बात आई सामने
उत्तराखंड प्रसाशन ने 15 जून कि महापंचायत कि परमिशन नहीं दी है साथ ही धारा 144 का पूर्ण रूपेण लागू करने कि बात कही है।
उत्तराखंड में अब लव जिहाद का मामला बहुत टूल पकड़ता नजर आ रहा है। इसके चलते उत्तरकाशी के पुरोला में बहुत अशान्ति बनी हुई है, जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रोहिल्ला का कहना है कि पुरोला में धारा 144 सीआरपीसी लगाई गई है। लव जिहाद के कथित मामलों को लेकर जिला प्रशासन ने पुरोला में महापंचायत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
पुरोला महापंचायत मामले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, हमने लोगों से कहा है कि आप शांति व्यवस्था बनाए रखे। कोई भी कानून को अपने हाथों में ना ले। अभी तक जितनी भी घटनाएं हुई हैं, प्रशासन ने उसपर सही तरह से काम किया है। अभी तक मारपीट या लूटपाट जैसी कोई घटना नहीं हुई है। अगर कोई दोषी होगा तो उसके खिलाफ कानून काम करेगा।
देहरादून जिले के डोईवाला इलाके में एक और मामला सामने आया है जहां एक समुदाय विशेष का व्यक्ति एक हिंदू लड़की को धर्म परिवर्तन और शादी के लिए मजबूर कर रहा था। आरोपी अरमान अंसारी, उसकी बहन तमन्ना और उसकी मां के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को हिरासत में लिया गया, जांच चल रही है। यह जानकारी डोईवाला के थाना प्रभारी राजेश साह ने दी है।
अब उत्तराखंड में हिन्दू मुस्लिम को लेकर मामला गरम बना हुआ है। हल्द्वानी से शुरू होकर धीरे धीरे पूरे उत्तराखंड को चपेट में ले लिया है। फिलहाल इससे आपसी भाईचारा भी खत्म हो रहा है। उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहाँ मुस्लिम आबादी भी बात करें बहुत ज्यादा नहीं है केवल मैदानी इलाके के जिले में संख्याबल ज्यादा है।
कुछ दिन पहले कोर्ट के हस्तक्षेप से हल्द्वानी रेलवे स्टेशन परिसर के आसपास रह रहे मुसलमान बेघर होने से रुके, जहां स्थानीय लोग और राज्य सरकार कई बार वहाँ बुलडोजर लेकर पहुँच गई लेकिन कामयाब नहीं हुई। इसके बाद लगातार उत्तराखंड सुलग रहा है। पुरोला और अब देहरादून कि घटना आप सबके सामने है। अब देखना है की इस घटना को कितना तूल दिया जाएगा।
इमपार के सयोजक डॉ एम जे खान ने खुलासा करते हुए कहा कि इन घटनाओ से देश की हालतों पर बहुत असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस देश में सब जो लड़कियां मुसलमानों कि है वो अन्य धर्म और समाज में शामिल हो रही है यह मुस्लिम समुदाय के लिए सोच का विषय बना हुआ है। जबकि प्यार और लव मेरिज पर किसी धर्म और समुदाय का कोई मतलब नहीं होता है। लेकिन जब कोई घटना घटती है तो पूरे समाज किओ घृणा कि दृष्टि से देखा जाता है। जबकि भारतीय संकृति और पुरातन संस्कृति में कही भी किसी धर्म और समाज का अपमान नहीं लिखा है। अभी फिलहाल मुस्लिम समुदाय को लेकर बड़ी घटिया सोच समाज में परोसी जा रही है जिससे आने वाले समय में बहुसंख्यक समुदाय का नुकसान होना ते माना जाना चाहिए, क्योंकि यूरोप में इसी तरह कट्टरवादी बढ़ावा दिया गया यूरोप बरबाद हो गया आज यूरोप इन सब बातों से अलग सोच रख रहा है तब विकास कि और अग्रसर है।