बद्रीनाथ में मुसलमानों को ईद पर 40 किमी दूर नमाज पढ़ने को कहा गया
बद्रीनाथ में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय में ज्यादातर प्रवासी मजदूर शामिल हैं जो हिमालय मंदिर में पुनर्निर्माण परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
बद्रीनाथ में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय में ज्यादातर प्रवासी मजदूर शामिल हैं जो हिमालय मंदिर में पुनर्निर्माण परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।पुलिस ने बद्रीनाथ में मुसलमानों से मंदिर शहर से लगभग 40 किमी दूर जोशीमठ में बकरीद (ईद अल-अजहा) मनाने के लिए कहा है।
बद्रीनाथ में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय में ज्यादातर प्रवासी मजदूर शामिल हैं जो हिमालय मंदिर में पुनर्निर्माण परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
बद्रीनाथ के थाना प्रभारी केसी भट्ट ने कहा, अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य पुजारी और परियोजनाओं में लगे ठेकेदारों के साथ एक बैठक हुई है जिसमें सामूहिक रूप से ये निर्णय लिया गया है कि बकरीद में जोशीमठ के पास नमाज पढ़ी जाएगी। बद्रीनाथ में कोई भी नमाज नहीं पढ़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि बकरीद के अवसर पर श्रद्धा पूर्वक मंदिर शहर के बाहर नमाज पढ़ने पर किसी को भी कोई आपत्ति नहीं हुई है।
बद्रीनाथ प्रमुख चार तीर्थ स्थलों में से एक है।
पीटीआई से बात करते हुए, बद्रीश पांडा पंचायत के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने कहा कि बद्रीनाथ पुलिस स्टेशन में आयोजित बैठक में सभी समुदायों के लोग शहर की गरिमा बनाए रखने के लिए सहमत हुए। मुस्लिम समुदाय बद्रीनाथ में बकरीद की नमाज नहीं अदा करने पर सहमत हो गया और आश्वासन दिया कि वे इस अवसर को मनाने के लिए जोशीमठ जाएंगे।
आज से 2 साल पहले बद्रीनाथ में काफी तनाव फैल गया था जब एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य ने बकरीद पर एक इमारत के अंदर नमाज पढ़ ली थी जिसमें अधिकतर श्रमिक थे।
श्री ध्यानी ने कहा कि घटना की व्यापक निंदा हुई और मामला दर्ज किया गया, जिसकी जांच अभी भी जारी है।इस बार बद्रीनाथ धाम में पंडा पंचायत, व्यापारियों, तीर्थ पुरोहितों ने बैठक कर कोतवाली पुलिस को कहा कि बद्रीनाथ धाम सहित आस पास के क्षेत्र में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए बद्रीनाथ महायोजना में लगे ठेकेदारों, कंपनियों के अधिकारियों पंडा पंचायतों, व्यापारियों की बैठक की है।
बैठक में पंडा पुरोहित प्रवीण ध्यानी ने कहा कि कई बार मुस्लिमों द्वारा बद्रीनाथ धाम में गुपचुप तरीके से नमाज अदा करने की बातें सामने आई थी।ठेकेदारों, कंपनियों के अधिकारियों व गैर हिंदुओं ने भी पुलिस प्रशासन की बैठक रजिस्टर में सहमति दर्ज करते हुए कहा कि वे त्यौहार मनाने के लिए वापस लौट रहे हैं तथा इस धार्मिक क्षेत्र की गरिमा को किसी प्रकार से ठेस नहीं पहुंचाएंगे। बैठक में यह भी सहमति बनी कि जोशीमठ से आगे कहीं भी बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पड़ावों पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी।