पश्चिम बंगाल के मुसलमानों का रुझान TMC से हट कर कांग्रेस और लेफ्ट की तरफ बढ़ा
The trend of Muslims of West Bengal moved away from TMC towards Congress and Left
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि BJP का वोट शेयर लोकसभा चुनाव के मुकाबले करीब आधा रह गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 40% वोट मिले थे। पंचायत चुनाव में ये 23% रह गए।
चिंता की बात ममता बनर्जी के लिए भी है। उनकी पार्टी TMC को एकतरफा मिलते आए मुस्लिम वोट कांग्रेस-लेफ्ट और दो साल पुरानी पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट की ओर शिफ्ट होते दिख रहे हैं। इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों की परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है।
पंचायत चुनावों में BJP जिस तरह हिंदू वोटों को एकजुट नहीं कर पाई, उसी तरह TMC के लिए मुस्लिम वोटों को एकजुट रखना मुश्किल हो गया। पश्चिम बंगाल में करीब 27% मुस्लिम आबादी है। अब तक इनके एकमुश्त वोट TMC को मिलते आए थे। पंचायत चुनाव के नतीजे बताते हैं कि अब इसमें सेंधमारी हो रही है। ये वोट कांग्रेस, लेफ्ट और इंडियन सेक्युलर फ्रंट यानी ISF की ओर शिफ्ट हुए हैं।
2021 में बनी पार्टी ISF ने मुस्लिम बहुल भांगड़ में 43 सीटें जीती हैं। साउथ 24 परगना जिले के भांगड़-2 ब्लॉक की 10 ग्राम पंचायतों की 218 में से 132 सीटों पर चुनाव हुए थे। इनमें TMC को 63 सीटें मिलीं। ममता की पार्टी 86 सीटें निर्विरोध जीती। भांगड़ विधानसभा सीट भी ISF के पास है।
भांगड़ की तरह मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद और मालदा में भी TMC की पकड़ कमजोर हो रही है। मार्च 2023 में मुर्शिदाबाद की सागरदिघी सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी कांग्रेस से हार गई थी। पहले ये सीट TMC के पास थी। मंत्री सुब्रत साहा के निधन के बाद यहां चुनाव हुए थे। हालांकि, बाद में कांग्रेस से जीते हुए कैंडिडेट बायरन बिस्वास TMC में शामिल हो गए थे।
‘BJP के लिए चिंता लेफ्ट और कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ना है। दोनों का वोट बैंक मिलाकर अभी 20% के आसपास है। लोकसभा चुनाव तक यदि ये थोड़ा और बढ़ जाता है, तो BJP का वोट शेयर कम हो जाएगा, क्योंकि लेफ्ट के वोट ही BJP में शिफ्ट हुए हैं। BJP की पूरी कोशिश लेफ्ट के जनाधार को रोकने की होने वाली है।’
अंसार इमरान