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चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में बिना अनुमति के CBI के प्रवेश पर लगाई रोक
नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का केंद्र सरकार के साथ चल रहा टकराव एक बार फिर सामने आया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सीधे प्रवेश पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार उस 'आम सहमति' से अलग हो गई है जिसमें सीबीआई राज्य में किसी मामले की जांच कर सकती है. अब सीबीआई को राज्य के किसी मामले में जांच के लिए आंध्र प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के नियमों के मुताबिक सीबीआई की गठन हुआ था. सीबीआई के पास पूरी दिल्ली क्षेत्र में जांच का अधिकार है. लेकिन इसके अलावा वह दूसरे राज्यों में भी राज्य सरकार की 'आम सहमति' से प्रवेश कर सकती है.
अब बिना अनुमति के सीबीआई किसी मामले में दखलंदाजी नहीं दे सकती है जो आंध्र प्रदेश के क्षेत्राधिकार में है. चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने सीबीआई जैसी जिम्मेदारियां राज्य की जांच एजेंसी को दी हुई है. अब सीबीआई किसी प्रकार की छानबीन या छापेमारी नहीं कर सकती है.
आंध्र सरकार का यह आदेश राज्य में सीबीआई को शक्तियां और क्षेत्राधिकार के लिए आम सहमति देने के 3 महीने के बाद 8 नवंबर को पारित हुआ था. एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से अलग होने के बाद चंद्रबाबू नायडू का यह एक अहम फैसला है.
राज्य को 'विशेष दर्जा' नहीं दिए जाने को लेकर चंद्रबाबू नायडू इसी साल एनडीए से अलग होने का फैसला किया था. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने अपने हित के लिए सीबीआई की छवि और साख को नीचे ला दिया.
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रवक्ता लंका दिनाकर ने कहा, 'यह निर्णय बीते 6 महीनों के दौरान सीबीआई में हो रही घटनाओं को लेकर लिया गया है. जांच एजेंसी ने मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में अपनी स्वायत्ता खो दी है जिसका इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों के खिलाफ औजार के रूप में मनगढ़ंत बयान बनाने के लिए हो रहा है.'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंध्र प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर अपनी सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में सीबीआई की प्रवेश रोक कर अच्छा काम किया है. बीजेपी 'नोट चेंजर' हो सकती है, लेकिन 'गेम चेंजर' नहीं हो सकती.