आंध्र प्रदेश

हाई कोर्ट ने 8 IAS अधिकारियों को सुनाई 2 सप्ताह जेल की सजा, फिर रहम खा कर दिया ये आदेश

Arun Mishra
31 March 2022 6:29 PM IST
हाई कोर्ट ने 8 IAS अधिकारियों को सुनाई 2 सप्ताह जेल की सजा, फिर रहम खा कर दिया ये आदेश
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अधिकारियों द्वारा उनके आदेशों का पालन ना करने को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है.

अमरावती: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को अदालत की अवमानना (Contempt of Court) के एक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 8 अधिकारियों को 2 सप्ताह की जेल की सजा सुनाई, लेकिन उनके माफी मांगने के बाद, अदालत ने आदेश को संशोधित किया और उन्हें एक वर्ष की अवधि के लिए हर महीने एक दिन समाज कल्याण छात्रावासों में सेवा देने का निर्देश दिया.

अधिकारियों ने नहीं किया आदेश का पालन

अधिकारियों द्वारा उनके आदेशों का पालन ना करने को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है. पंचायत राज प्रमुख सचिव जीके द्विवेदी, इसके आयुक्त गिरिजाशंकर, स्कूल शिक्षा प्रमुख सचिव बी राजशेखर, इसके आयुक्त चिन्ना वीरभद्रुडु, उच्च शिक्षा सचिव जे श्यामला राव, इसके पूर्व निदेशक विजय कुमार, वर्तमान निदेशक एमएम नाइक उपस्थित हुए और नगर निगम प्रशासन और शहरी विकास प्रधानाचार्य सचिव वाई. श्रीलक्ष्मी वे अधिकारी थे, जिन्हें अदालत ने सजा सुनाई है.

माफी मांगने पर वापस ली सजा

अधिकारियों के माफी मांगने के बाद अदालत ने जेल की सजा वापस ले ली और उन्हें हर महीने एक दिन समाज कल्याण छात्रावासों में सेवा देने का निर्देश दिया. उन्हें छात्रों के मिड-डे मिल और रात के खाने और अदालत के एक दिन का खर्च वहन करने के लिए भी कहा गया.

कोर्ट ने लगाई फटकार

अदालत ने सरकारी स्कूलों से ग्राम और वार्ड सचिवालयों को हटाने के अपने आदेशों को लागू नहीं करने के लिए अधिकारियों को डांट लगाई. यह देखा गया कि अधिकारियों ने जानबूझकर एक साल पहले पारित आदेशों को लागू नहीं किया और इस तरह अदालत की अवमानना की.

वकील ने कही ये बात

जस्टिस बट्टू देवानंद की सिंगल जज बेंच ने पिछले साल सितंबर में अवमानना मामले की सुनवाई की थी. उस समय अधिकारियों के वकील और सरकारी वकील ने बताया था कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के परिसरों में सचिवालयों और रायथू भरोसा केंद्रों (आरबीके) को खाली कराने का आदेश पहले ही जारी कर दिया था. उन्होंने अदालत को बताया था कि स्कूलों के कई परिसरों में ऐसी सुविधाएं पहले ही वापस ले ली गई हैं.

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